अजय शर्मा,भोपाल। मध्यप्रदेश के आईएफएस अधिकारियों ने समूचे देश में एक नजीर पेश की है. पर्यावरण और जंगलों की कटाई को देखते हुए अफसर अब खुद मैदानी मोर्चे पर जुटने वाले हैं. इसके लिए न सिर्फ बकायदा अफसरों ने जोन वार अपनी तैनाती कर ली है, बल्कि हर जोन में पौधों को गोद लेने का अभियान भी मध्यप्रदेश के आईएफएस अफसर करने जा रहे हैं.

कांग्रेस प्रवक्ता पर FIR: 300 करोड़ की सरकारी जमीन पर कब्जा कर 40 दुकानें संचालित कर रखी थी आशा जैन, प्रशासन ने चलाया बुलडोजर, अब मामला भी दर्ज

देश में यह अपने तरह का ऐसा पहला अभियान होगा. जिससे किसी प्रदेश के आईएफएस अफसर संचालित करेंगे. अभी तक मुख्यालय में बैठकर अपने अधीनस्थों के माध्यम से वृक्षारोपण अभियान की मॉनिटरिंग करने वाले अफसर सीधे फील्ड में नजर आएंगे. वन अधिकारियों को 10 से 25 हेक्टेयर क्षेत्रफल के वृक्षारोपण की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

जिन अधिकारियों को इस अभियान जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसमें छिंदवाड़ा जोन का जिम्मा एमपीसीसीएफ समिता राजौरा, एमपीसीसीएस कैम्पा सुनील अग्रवाल को जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, अजित श्रीवास्तव को कटनी, चितरंजन त्यागी को खंडवा, सत्यनाद को बालाघाट, सीके पाटिल को बैतूल, अतुल श्रीवास्तव को छतरपुर, मनोक अग्रवाल को रीवा सतना, शुभरंजन सेन को रीवा सीधी सिंगरोली.

MP के नए नेता प्रतिपक्ष बने गोविंद सिंह: कमलनाथ ने दिया इस्तीफा, अजेय योद्धा गोविंद क्या कांग्रेस की लगा पाएंगे नैया पार, जानिए चुनावी इतिहास ?

इसके अलावा अतुल जेन को सागर, काली दुराई को सागर दमोह, धीरेंद्र भार्गव को सिवनी, एचयू खान को सिवनी नरसिंहपुर, अमिताभ अग्निहोत्री को शहडोल अनूपपुर जे एस चौहान उमरिया की जिम्मेदारी दी गई है. ये सभी आईएफएस अफसर क्षेत्रीय स्तर पर पौधरोपण और पौधों को गोद लेने की परंपरा की शुरुआत के साथ उनके संरक्षण संवर्धन के लिए काम करेंगे.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus