अनिल मालवीय, इछावर/दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के इछावर में सरकारी भूमि से मुरम, मिट्टी का जमकर अवैध खनन किया जा रहा है। यह पूरा खेल राजनीतिक संरक्षण में चल रहा है और प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है। इधर डिंडोरी जिले में 104 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन मुड़की परियोजना में जल संसाधन विभाग और ठेकेदार की मिली भगत सामने आई है। जिसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष ने जांच होने तक काम रोकने के निर्देश दिए है।

खनन माफियाओं के हौसले बुंलद, प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा अवैध खनन

इछावर तहसील क्षेत्र में खनन माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है कि वह अपनी सुविधानुसार जहां भी सरकारी भूमि देखते है वहीं उत्खनन करना शुरू कर देते हैं। इसके चलते गांव और सड़कों के किनारे जगह-जगह गहरे गड्ढे ही गड्ढे दिखाई दे रहे है। इन उबड़ खाबड़ और गहरे गड्ढों के कारण सरकारी भूमि का स्वरूप बिगड़ रहा है। इनके कारण हादसे भी हो रहे है।

इसके अलावा बिना रायल्टी के उत्खनन किए जाने से शासन को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। खास बात यह है कि ये सब प्रशासन की जानकारी और उसकी नाक के नीचे होने के बावजूद खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने में गुरेज कर रहा है। बताया जा रहा है कि माफियाओं को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है ऐसे में अधिकारी इनके खिलाफ कार्रवाई कर आफत मोल लेना नहीं चाहते हैं।

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नगर का ही एक खनन माफिया नगर से महज दो किमी दूर इंटरनेशनल स्कूल के पीछे निस्तारी की सरकारी भूमि से बिना किसी परमिशन के मुरम खोदकर निर्माणाधीन भवनों के लिए महंगे दामों पर बेच रहा है। अवैध खनन का यह गोरखधंधा बेखौफ होकर दिन रात कर रहा है, लेकिन प्रशासन का कोई भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।

जिला पंचायत अध्यक्ष ने निरीक्षण कर जांच के दिए निर्देश

डिंडोरी जिला पंचायत के युवा अध्यक्ष रुदेश परस्ते जनपद क्षेत्र अंतर्गत मुड़की बांध का दौरा करने पहुंचे। जहां जल संसाधन विभाग और ठेकेदार की मिली भगत से 104 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन मुड़की परियोजना में बड़ी लापरवाही सामने आई। जिसे देख नाराज जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने मौके पर सुपर वाइजर को जांच होने तक काम रोकने के निर्देश दिए है।

जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते अपने सहयोगी डॉ जितेंद्र व्योहार के साथ 104 करोड़ की लागत वाले मुड़की जलाशय परिजयोजना जो ग्राम तेंदूमेर मोहतरा में बना है, उसे देखने पहुंचे थे, जहां मौके पर घटिया निर्माण होना पाया, गुणवत्ता को दरकिनार कर ग्वालियर के ठेकेदार और उनके सहयोगी प्रमोद शर्मा ने तकनीकी कार्य को नजर अंदाज कर शूट फॉल को जल्द पूरा करने के चक्कर मे गुणवत्ताहीन कार्य कराया। मुड़की जलाशय से लगा शूट फॉल जहां पूर्व की बारिश ने ठेकेदार और जलसंसाधन विभाग की पोल खोल कर रख दी है।

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जिला पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि नक्सली जिला घोषित होने के बाद भी विस्फोट की तैयार की जा रही थी, जिसकी जिला प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई और न ही संबंधित थाने को सूचना व दस्तावेज दिया गया। इसी तरह से निर्माण में घटिया मटेरियल का इस्तेमाल किया गया। जिसके चलते सीमेंट की जुड़ाई हाथ से ही उखड़ने लगी। वहीं शूटफॉल में अनेक खामियां पाई गई। जिससे मौके पर ठेकेदार के सुपरवाइजर को जांच होने तक काम रोकने के निर्देश दिए है। रुदेश परस्ते ने कहा है कि यह जानकारी कलेक्टर को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आदिवासी जिला में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

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