हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले (Indore) ने अंगदान (Organ Donation) में नया इतिहास (History) रचा है। सोमवार (Monday) को अंगदान के लिए शहर में 47वां ग्रीन कॉरिडोर (47th Green Corridor) बना। 52 वर्षीय विनीता खजांची की ब्रेन डेथ (Brain Death) के बाद उनके परिवार द्वारा किए गए अंगदान से चार लोगों को नया जीवन मिला है। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में यह पहला अवसर है जब किसी ब्रेन डेथ व्यक्ति के हाथ भी दान (Hand Donation) किए गए है।
ब्रेन संबंधी समस्या के बाद रतलाम कोठी क्षेत्र (Ratlam Kothi) की निवासी 52 वर्षीय विनीता खजांची को बॉम्बे हॉस्पिटल (Bombay Hospital) में भर्ती किया गया था। जहां उपचार के दौरान डॉक्टरों ने ब्रेन डेथ की संभावना जताई थी। 15 जनवरी को डॉक्टरों की टीम ने उन्हें ब्रेन डेड (Brain Dead) घोषित किया। जिसके बाद परिवार ने विनीता खजांची के अंगदान करने का निर्णय लिया।
दरअसल, खजांची परिवार के 4 सदस्यों का पूर्व में अंगदान किया जा चुका है। जिसके चलते परिवार अंगदान के प्रति जागरूक है। मौत के तुरंत बाद ही पति और बेटियों ने सभी अंग दान करने का निर्णय लिया। बेटियों को अपने इस निर्णय पर नाज है।
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परिवार की सहमति के बाद 4 डॉक्टरों के पैनल ने रविवार (Sunday) को सुबह पहला ब्रेन स्टेम डेथ परीक्षण (Brain Stem Death Test) किया, दोपहर 1:25 पर दूसरा और रात 8 बजे अंतिम परीक्षण किया गया। सोमवार सुबह विशेषज्ञ टीम ने अंग निकाले। वरीयता सूची के आधार पर लंग्स (Lungs) अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई (Apollo Hospital Chennai), हाथ (hand) ग्लोबल हॉस्पिटल मुंबई (Global Hospital Mumbai), लीवर (Lever) चोइथराम हॉस्पिटल (Choithram Hospital), एक किडनी (kidney) बॉम्बे हॉस्पिटल और दूसरी किडनी सीएचएल हॉस्पिटल (CHL Hospita) भेजी गई।
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