हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) शहर में किराए पर कार ले जाकर फर्जी पेपर बनाकर बेचने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को इंदौर विजय थाना पुलिस ने धर दबोचा है। इन आरोपियों को पुलिस ने भोपाल से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। सभी आरोपी कारों को किराए पर लेकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर सस्ते दामों में बेचने का काम करते थे। इनके पास से पुलिस ने 7 कार जब तक जब्त की है।
इंदौर के विजय नगर थाना क्षेत्र में पांच शिकायतकर्ताओं ने शिकायत दर्ज कराई थी। वह लोग गाड़ियां किराए पर चलाते हैं। उनमें से एक ने अंशुल उर्फ दक्ष को गाड़ी किराए पर दी थी, लेकिन अंशुल ने उन्हें गाड़ी वापस नहीं लौट आई। मामले में पुलिस ने बारीकी से जांच पड़ताल कर अंशुल को गिरफ्तार किया। बारीकी से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह गाड़ी फैजान पिता अब्दुल रजाक मुंशीर, पिता अब्दुल खान शुभम, अभिषेक पटवारी को दिया करता था। इन लोगों के माध्यम से गाड़ी के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें पौने दामों में बेच दिया करते थे। फिलहाल पुलिस आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ में जुटी हुई है।
ओरिजनल पेपर की तरह बनाते थे फर्जी पेपर
आरोपी अंशुल गाड़ी को किराए पर लेता था और इसके बाद भोपाल में फैजान को और मुंशीर को गाड़ियां दे दिया करता था। दोनों आरोपी मिलकर गाड़ी के फर्जी पेपर तैयार करते थे। जिनमें गाड़ी का ओरिजनल आरसी कार्ड प्रिंटर से प्रिंट आउट कर चीफ में डाटा भी अपलोड करते थे, ताकि खरीदार को गाड़ी के पेपर को लेकर कोई भी शक ना हो। अब तक आरोपी कई गाड़ियों को फर्जी दस्तावेज बनाकर भेज चुके हैं।
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इंदौर और भोपाल पुलिस हुई आमने-सामने
दरअसल, जब इंदौर से विजयनगर पुलिस आरोपी फैजान पिता अब्दुल रजाक मुंशीर को पकड़ने के लिए जब भोपाल पहुंची तो भोपाल पुलिस भी इन दोनों आरोपियों की तलाश में इनके ठिकानों के आसपास ही तलाश में जुटी हुई थी। इंदौर पुलिस जैसे ही उनको खोजने के लिए पहुंची तो भोपाल क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मियों ने इंदौर पुलिस को पकड़ लिया। इंदौर पुलिस ने भोपाल क्राइम ब्रांच की पुलिस को पकड़ लिया। जिसके बाद इंदौर से गए जवान का एक बैचमेट भोपाल क्राइम का मिल गया। जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। जिसके बाद इंदौर पुलिस दोनों आरोपियों को भोपाल से गिरफ्तार कर 7 गाड़ियां जब्त कर इंदौर ले आई।
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मुख्य आरोपी पुलिस के गिरफ्त से बाहर
पुलिस ने भले ही 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर वाहवाही लूट ली हो, लेकिन मुख्य आरोपी शाहबाज खान अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। मुख्य आरोपी शाहाबाज इन सब लोगों को गाड़ियां किराए पर लेकर खरीदार को भी ढूंढने में जुटता था। पकड़े गए आरोपियों से गाड़ियां किराए पर मंगवा कर उन गाड़ियों के फर्जी एग्रीमेंट बनाकर उनके फर्जी आरसी कार्ड प्रिंट आउट तैयार करवाता था। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि सात लाख की गाड़ी को दो से तीन लाख में फर्जी कागज बनाकर भेज दिया करते थे और पैसों का हिस्सा आपस में बांट लेते थे। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की बारीकी से जांच में जुटी हुई है।
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