हेमंत शर्मा, इंदौर। सेवानिवृत्त आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के आलीशान फ्लैट्स से लोकायुक्त ने खजाना उगलवा लिया। बुधवार सुबह तड़के 6 बजे इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर की टीमों ने एक साथ कार्रवाई कर भ्रष्टाचार की काली कहानी बेनकाब कर दी। लोकायुक्त की सर्च कार्रवाई में कैश, सोना, चांदी, लग्जरी गाड़ियां, हथियार, परफ्यूम, महंगी घड़ियां और फर्नीचर तक बरामद हुए। अधिकारी की दौलत देखकर टीम तक दंग रह गई, मानो किसी कारोबारी का घर हो, अफसर का नहीं।

इतना माल निकला कि गिनने में लग गए घंटे

लोकायुक्त की तलाशी में सिर्फ एक फ्लैट (नं. 201, कैलाशकुंज, पलासिया) से निकला 

₹1 करोड़ 13 लाख कैश,

4 किलो 221 ग्राम सोना,

7 किलो से ज्यादा चांदी,

लग्जरी गाड़ियां, महंगे परफ्यूम, फर्नीचर, हथियार,

बैंक अकाउंट, बीमा पॉलिसियां और 3 लॉकरों के दस्तावेज सिर्फ इस फ्लैट से करीब 9.66 करोड़ की संपत्ति मिली। तीनों फ्लैटों (201, 402, 403) की कुल संपत्ति का अनुमान 14.49 करोड़ से अधिक लगाया गया।

काउंटीवॉक में बन रहा है तीन मंजिला महल

भदौरिया का आलीशान बंगला काउंटीवॉक कॉलोनी में बन रहा है। करीब 12,000 वर्ग फीट में फैला तीन मंजिला घर, जिसकी गाइडलाइन वैल्यू ₹3.36 करोड़ बताई गई है। वहीं यश ग्रीन स्कीम नंबर 114 में बेटी अपूर्वा के नाम फ्लैट में भी करोड़ों की सजावट और डेकोर पाए गए।

रिश्तेदारों के नाम पर भी करोड़ों का खेल

जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी के बेटे सूर्यांश और बेटी अपूर्वा ने एक व्यक्ति जितेन्द्र चौधरी को ₹2.85 करोड़ उधार देने का एग्रीमेंट किया था, बैंक रिकॉर्ड भी इसकी पुष्टि करते हैं।

829% अधिक संपत्ति

लोकायुक्त की जांच में अब तक ₹18.59 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ है, जबकि अधिकारी की कुल वैध आय सिर्फ ₹2 करोड़ आंकी गई है। यानी 829.66% अनुपातहीन संपत्ति। यह भ्रष्टाचार की किताब में नया रिकॉर्ड है। 

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में केस दर्ज

लोकायुक्त ने धारा 13(1)(B) और 13(2), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के तहत केस दर्ज किया है। धर्मेंद्र भदौरिया भले ही रिटायर हो चुका है, लेकिन उसकी कमाई के ढेर ने लोकायुक्त को भी हैरान कर दिया।

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