हेमंत शर्मा, इंदौर। पश्चिम बंगाल में बलात्कार (Rape) और जान से मारने की धमकी जैसे संगीन मामले में बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (BJP National General Secretary Kailash Vijayvargiya) को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। विजयवर्गीय पर बंगाल के प्रभारी रहते हुए महिला ने आरोप लगाया था। मामला दिसंबर 2019 का था, एफआईआर (FIR) नहीं होने से महिला ने पश्चिम बंगाल की कोर्ट में निजी परिवाद लगाया था। मजिस्ट्रियल कोर्ट ने कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ जांच के निर्देश दिए थे। कार्रवाई के खिलाफ कैलाश विजयवर्गीय ने हाईकोर्ट से राहत मांगी थी। हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी थी। 17 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।

गुरुवार को शीर्ष अदालत ने पूर्व में की गई कार्रवाई को निरस्त कर दिया है। पूरा प्रकरण मजिस्ट्रेट कोर्ट में फिर से भेजा गया है। कैलाश विजयवर्गीय भाजपा नेता प्रदीप जोशी के खिलाफ बलात्कार और आपराधिक धमकी के आरोप में जांच के निर्देश दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम आर सा, जस्टिस संजीव खन्ना की खंडपीठ में 17 महीने पहले सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने पुलिस को जांच के निर्देश दिए थे। विजयवर्गीय ने हाईकोर्ट का रूख किया था, वहां से राहत नहीं मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।

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