हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव हुआ है। एड्स जागरूकता और मेडिकल कॉलेजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। मुख्यमंत्री ने यह बात इंदौर में विश्व एड्स दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कही है।

रविवार को इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ऑडिटोरियम में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी शामिल हुए। सीएम डॉ मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं और जागरूकता अभियानों के क्षेत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं।

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2028 तक एमपी को बनाया जाएगा एड्स मुक्त

सीएम डॉ मोहन ने कहा कि पहले मेडिकल कॉलेज खोलने में काफी कठिनाइयां होती थीं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और जेपी नड्डा के प्रयासों से इन समस्याओं का समाधान हुआ। आज मध्यप्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही एड्स को खत्म करने के लिए जो बड़ा संकल्प लिया गया है, उसमें मध्यप्रदेश पूरी प्रतिबद्धता से साथ खड़ा है। आने वाले दो साल में प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 50 हो जाएगी। साथ ही हमारा यह प्रयास है कि वर्ष 2028 तक मध्यप्रदेश को एड्स मुक्त बनाया जाएगा।

एड्स जागरूकता अभियान में सफलता

मुख्यमंत्री ने बताया कि 12 अगस्त से 12 अक्टूबर 2024 तक मध्य प्रदेश में एड्स जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान 28,457 गांवों में जागरूकता कार्यक्रम हुए। 21,724 सभाओं का आयोजन किया गया। 6,000 से अधिक स्कूलों और 800 कॉलेजों में रेड रिबन क्लब स्थापित किए गए। इस अभियान के तहत एड्स की गंभीरता को समझाने और इसके बचाव के उपायों को लोगों तक पहुंचाने में सफलता मिली।

मेडिकल कॉलेजों में बढ़ोतरी

सीएम डॉ मोहन ने कहा कि 2014 से पहले मध्य प्रदेश में केवल 5 मेडिकल कॉलेज थे। अब राज्य में 30 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं, और अगले 2 वर्षों में यह संख्या 50 तक पहुंचने की योजना है। हाल ही में नीमच, मंदसौर, और शिवपुरी में मेडिकल कॉलेजों की शुरुआत हुई। पैरामेडिकल और आयुर्वेदिक कॉलेजों का भी तेजी से विकास हो रहा है।

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कोविड प्रबंधन में भारत बना उदाहरण

डॉ यादव ने कहा कि महामारी के कठिन समय में भारत ने न केवल अपनी जनता की रक्षा की, बल्कि कई अन्य देशों की भी मदद की। ऑक्सीजन और स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था ने भारत को वैश्विक मंच पर सराहा। 2030 तक बीमारियों का उन्मूलन लक्ष्य है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2030 तक गंभीर बीमारियों के उन्मूलन का संकल्प लिया है। इस दिशा में आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा दी जा रही है। एड्स जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए आधुनिक तकनीकों और दवाओं का उपयोग किया जा रहा है।

‘रोग से डरो नहीं, रोगी का साथ दो’ का संदेश

वहीं कार्यक्रम के दौरान एक एड्स प्रभावित व्यक्ति ने अपनी कहानी साझा की, जिसने बीमारी को हराकर एक नई जिंदगी शुरू की। इस प्रेरणादायक घटना ने “रोग से डरो नहीं, रोगी का साथ दो” का संदेश दिया।

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