हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्यप्रदेश कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे विधायक जीतू पटवारी (MLA Jeetu Patwari) की मुश्किल बढ़ने वाली है। उन पर फर्जी नाम से लोन लेने (loan in fake name) और अदा नहीं करने पर कर्की नोटिस जारी हुआ है। जीतू पटवारी ने 10 साल पहले इंदौर की नौलक्खा स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा से वेयर हाउस (warehouse) बनाने के लिए 10 करोड़ रुपए का लोन लिया था। एक करोड़ की राशि बैंक में जमा नहीं होने के कारण ब्याज समेत पूरी राशि दो करोड़ तक पहुंच गई। इसके बाद विधायक जीतू पटवारी को कुर्की का नोटिस जारी (notice of attachment) हुआ। वहीं मामले में विधायक पटवारी ने बताया कि उन्होंने लोन लिया था, लोन की बची हुई राशि वे जल्द जमा करेंगे, फिलहाल उन्हें नोटिस नहीं मिला है।

महेश के नाम से लिया लोन और जीतेंद्र ने ली जमानत

विधायक जीतू पटवारी ने जिस जमीन पर वेयरहाउस बनाने के लिए 10 साल पहले लोन लिया था उस जमीन पर विधायक ने खुद ही लोन लिया और जमानतदार भी खुद ही बने। बैंक के नियम अनुसार लोन लेने के बाद एक जमानतदार पेश करना होता है ऐसा नहीं करने पर बैंक के साथ धोखाधड़ी करने का आईपीसी की धारा 420 120 बी की धारा में प्रकरण भी दर्ज होता है। विधायक ने यहां लोन भी खुद लिया और जमानत भी खुद ने दी। lalluram.com ने जब विधायक जीतू पटवारी से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि मेरी दूसरी जमीन जितेंद्र के नाम से है जो मैंने जमानत में दी है। उस समय उस जमीन की कीमत 10 थी। उनकी मानें तो वर्तमान में उस जमीन की कीमत (मार्केट वैल्य) 100 करोड़ की हो गई है। बता दें कि बैंक में जो व्यक्ति लोन लेता है वो खुद जमानत नहीं दे सकता। इस मामले में विधायक जीतू पटवारी पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

विधायक ने सरकार पर लगाया आरोप

विधायक जीतू पटवारी ने lalluram.com को बताया कि वेयरहाउस बनाने के लिए सरकार की नीतियों के मुताबिक बढ़ावा दिया जाता है। सरकार कहती है कि आप वेयरहाउस बनाएं गेहूं हम रखेंगे जिससे किसान को मुनाफा भी होगा और बैंक लोन भी चुका सकेगा, लेकिन यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत ने किसानों का गेहूं सीधे खरीद कर विदेश पहुंचाने का काम किया था। जिसके कारण मध्यप्रदेश के 99.99% लोग बैंक डिफाल्टर हो गए और पैसा नहीं भर पाए। उसमें एक मैं खुद भी हूं हालांकि मैं जमीन बेचकर बैंक का लोन जल्द चुका दूंगा।

8 मई को भोपाल में करेंगे चीफ सेक्रेटरी का घेराव

जीतू पटवारी ने सरकार पर आरोप लगाया और 8 मई को भोपाल में सभी वेयरहाउस संचालकों के साथ चीफ सेक्रेटरी का घेराव करने का निर्णय लिया है। उनका आरोप है सरकार ने वेयरहाउस में गेहूं नहीं रखा जिसके कारण मध्यप्रदेश के लगभग सभी वेयरहाउस डिफाल्टर हो गए बैंक में 25 परसेंट राशि देने के बाद 75 परसेंट राशि बैंक फाइनेंस करती है। उसे भरने की जिम्मेदारी किसान की होती है। सरकार अपना गेहूं जब वेयरहाउस में नहीं रखेगी तो किसान डिफाल्टर होगा और बैंक लोन नहीं चुका पाएगा, जिसके कारण उसकी जमीन कुर्की हो सकती है।

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बैंक ऑफ बड़ौदा
बैंक ऑफ बड़ौदा

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