हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर नगर निगम में पिछले दिनों हुए करोड़ों रुपए के घोटाले के मामले में लगातार पुलिस अपनी जांच करती हुई नजर आ रही है। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा बनाई गई एसआईटी की टीम भी गुरुवार देर शाम इंदौर पहुंची और नगर निगम में अधिकारियों से 1 घंटे तक ई फीलिंग और मैनुअल फीलिंग को लेकर पूछताछ की।

इंदौर निगम आयुक्त शिवम वर्मा के मुताबिक भविष्य में इस तरह का घोटाला न हो इसको लेकर अभी से ही फीलिंग को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। ई-फाइलिंग की व्यवस्था में और क्या सुधार किया जा सकता है, इस पर फोकस किया जा रहा है। इसके साथ ही मैन्युअल फीलिंग को पूरी तरीके से बंद कर दिया जाएगा कि फाइलिंग प्रोसेस होने से पारदर्शिता आएगी और इस तरीके की घोटाले नहीं हो सकेंगे। 

इंदौर पहुंची एसआईटी ने अधिकारियों से की पूछताछ

राज्य सरकार द्वारा गठित की गई एसआईटी दल गुरुवार को इंदौर पहुंचा और फर्जी बिल घोटाले के मामले में कई अधिकारी और कर्मचारियों से पूछताछ की। वहीं निगम के पोर्टल पर फीलिंग अपलोड करने की प्रक्रिया को समझते हुए 2010 के बाद किए गए भुगतानों के रिकॉर्ड मांगे। 15 सालों में हुए भुगतानों का विवरण लेने के बाद समिति वापस भोपाल लौट गई।  

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बता दें कि 15 दिन में समिति को जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट पेश करना है। समिति में वित्तीय विभाग के प्रमुख सचिव अजीत कुमार और पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता है। तीन सदस्य समिति ने निगम में शिवम वर्मा सहित सभी अपर आयुक्त ड्रेनेज विभाग और लेखा शाखा के हमले से चर्चा की। इस दौरान इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह भी नगर निगम पहुंचे। 

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