यत्नेश सेन,देपालपुर,(इंदौर)  मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के देपालपुर में आदिवासी दलित किसान मायाराम की डंडों से पीटकर दबंगों ने हत्या कर दी थी। इस हमले में मायाराम के दो बेटों समेत 7 लोग घायल हुए थे। वहीं किसान की मौत के 11 दिन बाद एक और बेटे मेहरबान की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। वहीं एक और बेटा अस्पताल में जिंगदी और मौत के बीच की जंग लड़ रहा है।

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दरसल काकवा गांव में कुछ किसानों को सरकारी पट्टे की जमीन आवंटित की गई थी।  जहां जब पट्टाधारी किसान अपने परिवार के साथ जमीन पर सफाई करने पहुंचे थे तो कब्जाधारी दबंगों ने उनके साथ मारपीट की। घटना में 7 लोग घायल हो गए थे। वहीं  इलाज के दौरान किसान मायाराम की मौत हो गई थी। जिसके बाद अब उसके पुत्र की भी मौत हो गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों के सरकारी जमीन पर बने दो मंजिले मकान को  प्रशासन  ने  जमींदोज कर दिया था। वही किसान के बेटे की मौत के बाद खिमलावदा गांव को छावनी की तरह तब्दील कर दिया गया है।  चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल के साथ प्रशासन की टीम मौजूद है। वही मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीण डीआईजी अपर कलेक्टर एवं ग्रामीण एसपी खुद मोर्चे पर मौजूद है। क्षेत्रीय एसडीएम ने पुलिस अधिकारियों के साथ परिजनों को समझाइश देते हुए पीड़ित परिवार को मदद देने की बातें कहीं है। 

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वहीं मृतक युवक की शव यात्रा मुक्तिधाम तक पहुंची, लेकिन यहां परिजन शव को नहीं जलाने के लिए अड़ गए। पीड़ित परिजनों ने आरोपियों को फ़ांसी देने की मांग के साथ परिवार को 50 लाख की सहायता, परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी तथा मृतक के बच्चों को निशुल्क अच्छे स्कूल में शिक्षा व मृतक की पत्नीयो को 5 हजार रुपये महीना 6 माह तक विधवा पेंशन देने की मांग करते रहे। दोनों परिवारों को 5 हजार रुपए की पेंशन,राशन की सामग्री और साढ़े 12 लाख की राशि शासन के नियमानुसार पीड़ित परिवारों के खाते में डाली गई।  प्रशासन की समझाइश के बाद बड़ी मुश्किल से परिजनों ने मृतक का अंतिम संस्कार किया। जिसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली।  

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मामले में हुई थी कार्रवाई 
बता दें कि मामले की गंभीरता को देखते हुए बीते दिनों पुलिस प्रशासन ने गौतमपुरा थाना प्रभारी को लाइन अटैच किया था। वहीं दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया था। वही दबी जुबान से लोग राजस्व विभाग पर भी कार्रवाई की बात करते नजर आए।  लोगों का कहना था कि इस पूरे मामले में सिर्फ पुलिस विभाग पर ही कार्रवाई हुई। जबकि पूरा मामला राजस्व विभाग से ही जुड़ा हुआ है। राजस्व विभाग में भी कार्रवाई होनी चाहिए। वही इस पूरे मामले पर इंदौर अपर कलेक्टर राजेश राठौर ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जा रही है। दोषियों पर कार्रवाई होगी। वही जो केस पेंडिंग है उनको लेकर ऑपरेशन चलाकर तत्काल पेंडिंग मामलों का निराकरण किया जाएगा। ताकि भविष्य में ऐसे मामले फिर से उत्पन्न ना हो। 

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