यत्नेश सेन, देपालपुर (इंदौर)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार ने निजी स्कूलों की तर्ज पर सीएम राइज स्कूल शुरू किए हैं। वहीं सरकार के ही कुछ नुमाइंदे योजना पर पलीता लगाते नजर आते हैं। कहने को तो इंदौर जिले (Indore District) के देपालपुर का शासकीय कन्या माध्यमिक (Depalpur Government Girls Secondary School) एवं प्राथमिक माध्यमिक विद्यालय सीएम राइज स्कूल में जोड़ा गया है, जिसे कैंपस स्कूल कहा जाता है। लेकिन सुविधा के नाम पर स्कूल की हालत इतनी बदतर है कि यहां छात्राओं के लिए बने शौचालय में टूटे-फूटे गेट पर पल्ली (बैनर का पर्दा) डालकर काम चलाया जा रहा है। 

इतना ही नहीं ना तो स्कूल में बिजली है और ना ही पंखे लगे हैं। छात्राओं के अनुसार सबसे बड़ी शर्म उन्हें तब आती है, जब उन्हें पल्ली लगे शौचालय में जाना पड़ता है। यहां खेल के लिए मैदान की भी व्यवस्था नहीं है और तो और जिस जगह पर बैठकर छात्राएं पढ़ती है, वहीं टाटपट्टी पर ही थाली रखकर उन्हें भोजन भी करना पड़ता है।

देपालपुर के शासकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय एवं शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय दोनों में मिलाकर करीब 422 छात्राएं अध्यनरत है। छात्राओं की मानें तो यह स्कूल सिर्फ कहने को सीएम राइस स्कूल है, सुविधाएं नहीं है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर जिम्मेदारों का इस ओर कोई ध्यान क्यों नहीं है।

इस पूरे मामले में स्कूल के प्राचार्य का कहना है कि जिन-जिन सुविधाओं का अभाव है और जो व्यवस्था खराब है। इन विषयों को लेकर उच्च अधिकारी को कई बार पत्र लिखा गया है। मौखिक तौर पर भी बताया गया है। अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। मामले में एसडीएम ने कहा कि पहले उन्होंने भी स्कूल में विजिट किया था। फिलहाल जो व्यवस्था खराब है उन्हें जल्द दुरुस्त किया जाएगा। 

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