यत्नेश सेन, देपालपुर (इंदौर)। सरकारी सिस्टम में लापरवाही का नजारा तो कई बार देखने को मिलता है। वहीं अब देपालपुर के एक सरकारी स्कूल में 78 लाख की लागत से बनी प्रयोगशाला की बिल्डिंग 1 साल में ही अपनी बदहाली बया कर रही है। इस बिल्डिंग को शुरू हुए 1 साल ही हुए हैं और अभी से ही बिल्डिंग की दीवार में जगह-जगह दरारें आ गई है। वही कालम भी जमीन से जगह छोड़ने लगे हैं। मामला देपालपुर के शासकीय कन्या उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है।

इतना ही नहीं बिल्डिंग में लगा फर्श भी अब धंसने लगा है, जिससे छात्राएं डर के माहौल में पढ़ने को मजबूर हैं। छात्राओं का कहना है कि यहां आए दिन जानवर भी निकालते हैं, जिससे डर लगता है। वहीं देपालपुर के वरिष्ठ अभिभाषक राजेंद्र पटेल ने कहा कि अधिकारियों पर कार्रवाई होना चाहिए और लोकायुक्त में भी इस भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत होना चाहिए।

दरअसल, जनवरी 2023 में बनकर तैयार और किसी औपचारिकता के बिना जानकारी के हैंडओवर हो गई प्रयोगशाला भवन शुरू से ही घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा था। नई प्रयोगशाला बनने के बाद से ही दीवार में दरारे, नीचे का बेस बैठना शुरू हो गया था। पहले भी घटिया निर्माण के मुद्दे को प्रमुखता से अधिकारियों के संज्ञान में दिया था, तब अधिकारी जागे थे और दीवार में आए क्रेक और बैठे फर्श को ठीक करवाया था। ठेकेदार के मिलीभगत से पेमेंट हो गया था और आज फिर वही प्रयोगशाला की बिल्डिंग एक साल में ही घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार की पोल खोल रही है।

इंदौर नाके के पास स्थित शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान की जगह पर शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्रयोगशाला बनवाकर छात्राओं का मैदान खत्म कर दिया। स्कूल में प्रयोगशाला नहीं होने से छात्राएं साइंस सब्जेक्ट नहीं पड़ पा रही थी। इसके लिए तत्कालीन प्राचार्य और अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक ने मिलकर मैदान में प्रयोगशाला भवन मंजूर करा लिया। जहां पर 78 लाख रुपए की लागत से दो मंजिला प्रयोगशाला बनकर तैयार हो गई। इस बिल्डिंग का निर्माण लोक निर्माण विभाग के अधीन आने वाली परियोजना क्रियान्वयन इकाई ने एजेंसी को देकर निर्माण कार्य करवाया था।

विद्यालय में कमरे कम होने से यहां साइंस की क्लास शुरू हुई और दीवारों, दरारें देख छात्राएं तो सहमी हुई है। वही शिक्षक भी डरे हैं, क्योंकि आने-जाने का रास्ता खराब है। हालांकि, अभी प्रचार्य ने इसे दुरुस्त कराया है। इधर, बाहर के फर्स पर बैठने से जहरीले जीव का भी डर बना रहता है। वहां के दरवाजे नहीं लगते, ट्यूब लाइट लटक रही है, खिड़की के कांच फूटे है। छात्राओं ने इस समस्या को लेकर अधिकारी को ज्ञापन देंगी और उनसे जांच की मांग करेगी। साथ ही सुनवाई नहीं हुई तो आंदोलन भी करेंगी।

विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य दीपक जायसवाल का कहना है कि बिल्डिंग की स्थिति काफी खराब है। बिल्डिंग की दीवारों में दरार, पलस्तर गिर रहा है और भवन के अंदर फर्स धंस रहा है। छत से पानी टपक रहा है। बाहर तो स्थिति खराब है। मैं इस संबंध में उच्च अधिकारियों को लिखित में जानकारी दूंगा। मैंने भी बिल्डिंग का चार्ज नहीं लिया था।

देपालपुर के वरिष्ठ अभीभाषण राजेंद्र पटेल ने बिल्डिंग को लेकर कहा कि ऐसे घटिया निर्माण करने वाले अधिकारियों वह जिनकी देखरेख में यह कार्य चल रहा था। ऐसा कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटाना चाहिए और उन पर कड़ी कार्रवाई करना चाहिए। जनता को भी इस ओर ध्यान देकर लोकायुक्त में भी शिकायत करनी चाहिए।

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