यत्नेश सेन, देपालपुर। इंदौर शहर के देपालपुर क्षेत्र में खनन माफिया इतने सक्रिय है कि वह कलेक्टर के आदेश को भी ठेंगा दिखा रहे हैं. जहां क्षेत्र में सारे नियम और कायदो को ताक पर रखकर खनन माफियाओं ने मिट्टी की जगह लाखों का मुरम बेच डाला. जबकि तालाब के गहरीकरण और खुदाई के लिए प्रशासन ने परमिशन ही नहीं दी थी. पंचायत से सांठगांठ कर इन माफियाओं ने बिना परमिशन के भी तालाब गहरीकरण के नाम लेकर मुरम बेच दिया। इस मामले में कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि यह गंभीर मामला है, उसकी जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

दरअसल, पूरा मामला देपालपुर जनपद पंचायत के क्षेत्र ग्राम पंचायत बिरगोदा का है. जहां पंचायत से सांठगांठ कर खनन माफियाओं ने तालाब के गहरीकरण के नाम पर बड़ी संख्या में पोकलेन मशीन, जेसीबी और डंपर चलाकर लाखों के मुरम नियम के खिलाफ बेच डाला. गर्मी के चलते कलेक्टर ने जनभागीदारी से चिन्हित तालाब गहरीकरण के आदेश जारी किए गए थे. जिसके चलते तालाबों की सिर्फ तीन फीट खुदाई कर मिट्टी निकलना था. इसके बदले किसानों से 50 रुपए ट्राली और डंपर के लिए डेढ़ सौ रुपए का रसीद काट कर राजस्व ने पंचायत को वसूलने का आदेश दिया था. लेकिन बिरगोदा तालाब के गहरीकरण की परमिशन के बिना ग्राम पंचायत ने नियमों के खिलाफ किसानों को 1500 रुपए से लेकर 2500 रुपए तक की मोटी रकम वसूल कर खनन माफियाओं ने शासन को चूना लगाते हुए मुरम बेच डाला.

यहां तक की इन खनन माफियाओं ने जिले के जनप्रतिनिधि तक को बट्टा लगाना नहीं छोड़ा. उन्होंने जनप्रतिनिधि से भी 1500 रुपए प्रति डंपर की राशि वसूल कर मुरम बेच दिया. प्रशासन ने संपूर्ण जिले में दो बार तालाब गहरीकरण के आदेश जारी किए, लेकिन उन आदेशों में देपालपुर के इस बिरगोदा तालाब का नाम नहीं था. बावजूद इसके इस तालाब की गहरीकरण के नाम पर खुदाई की गई. देपालपुर जनपद पंचायत ने भी बिना जानकारी के नियम पूर्वक गहरीकरण न करने को लेकर 20 फरवरी 2024 को खुदाई रोकने का आदेश भी जारी कर डाला. इसके बावजूद खनन नहीं रुका और लगातार खनन चलता रहा. जिसमे 4 पोकलेन और हाइवा, डंपर 24 घंटे खुदाई में लगे रहे.

इस मामले में देपालपुर जनपद पंचायत सीईओ ने कहा कि मात्र 3 फीट गहरीकरण का ही आदेश दिया गया था. इससे ज्यादा खुदाई गई है तो जांच टीम गठित कर कार्रवाई की जाएगी. अब सवाल यह उठता है कि जब इस तालाब का प्रशासन ने गहरीकरण का आदेश ही नहीं दिया तो जनपद पंचायत के जिम्मेदार 3 फीट गहरीकरण के लिए कैसे बोल रहे हैं. किसानों और अन्य लोगों ने कहा कि तालाब से मुरम खोदकर बेची गई है, जिसमें हम लोगों ने पैसा देकर मुरम खरीदी है. खनन माफियाओं ने क्षेत्र के कई हिस्सों में बेची है.

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