अजय शर्मा, भोपाल। मध्यप्रदेश में सड़कों और गली मोहल्लों में घूमने वाले आवारा मवेशियों (stray cattle) के भी अच्छे दिन आने वाले हैं। इन आवारा मवेशियों से राज्य सरकार की आय भी बढ़ेगी (Government income)। इसी कड़ी में अब प्रदेश सरकार ‘आवारा पशु प्रबंधन’ नीति लागू करेगी। इसके लिए अटल बिहारी सुशासन संस्थान ने ड्राफ्ट बनाकर सरकार को सौंप दिया है। अब इस संबंध में सरकार को निर्णय लेना है।
आवारा मवेशियों को विभिन्न संगठनों को देने के साथ ही गौकाष्ट, बायोगैस जैसी अन्य चीजें भी बनाई जाएगी। ड्राफ्ट के मुताबिक शहर या गांव से करीब तीन किलोमीटर बाहर पशु अभ्यारण या पशु विहार (Animal sanctuaries) बनाए जाएंगे। जहां आवारा मवेशियों को रखा जाएगा। गाय के गोबर से जहां गौकास्ट (गोबर की लकड़ी) और बायोगैस बनेगी। पहले चरण में बतौर प्रयोग प्रदेश के चार प्रमुख शहरों राजधानी भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में पशु विहार बनाए जाएंगे। इसके बाद अन्य शहरों में बनाए जाने पर विचार किया जाएगा।
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