हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में केंद्र की आईपीडीएस योजना में हुए करोड़ों के घोटाले को एक साल पूरे हो गए हैं, लेकिन अब तक घोटालेबाज अधिकारियों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। ईओडब्ल्यू इंदौर शाखा ने शिकायत के बाद भी अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की है। असंतुष्ट शिकायतकर्ता ने ईओडब्ल्यू के वरिष्ठ अधिकारियों से दूसरे जिले की ईओडब्ल्यू की टीम से जांच कराने की मांग की है।

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दरअसल, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में आईपीडीएस स्कीम के तहत 523 करोड रुपए की योजना में करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप एडवोकेट अभिजीत पांडे द्वारा लगाया गया है, जिसकी शिकायत विद्युत वितरण कंपनी के अलावा आर्थिक प्रकोष्ठ में भी की गई थी। शिकायत किए 1 साल पूरे हो गए हैं। लेकिन अब तक घोटालेबाज अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे असंतुष्ट होकर शिकायतकर्ता ने ईओडब्ल्यू के वरिष्ठ अधिकारियों से मांग की है कि इंदौर इकाई के अलावा दूसरे जिले की ईओडब्ल्यू इकाई से जांच कराई जाए, क्योंकि इंदौर ईओडब्ल्यू की टीम पिछले 1 साल से जांच की बात कर रही है पर अब तक पूरे मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
शिकायतकर्ता ने ईओडब्ल्यू पर कई सवाल भी खड़े किए हैं।

बता दें कि लल्लूराम डॉट कॉम ने आईपीडीएस घोटाले की खबर को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को नोटिस जारी हुए थे। इसके बाद पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी अमित तोमर ने कई अधिकारियों पर रिकवरी भी निकाली है पर शिकायतकर्ता के मुताबिक अब भी घोटालेबाज अधिकारी अपने पदों पर काबिल हैं। ऐसे में घोटालेबाज अधिकारियों को सस्पेंड कर पूरे मामले की फिर से जांच की मांग की गई है। वहीं ईओडब्ल्यू एसपी धनंजय शाह का कहना है कि आईपीडीएस घोटाले की शिकायत के बाद से पूरे मामले की जांच बारीकी से की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उस पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

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