हेमंत शर्मा, इंदौर। लोकसभा चुनाव को लेकर प्रदेश में दोनों सियासी दलों के बीच मुकाबला दिलचस्प हो गया है। इंदौर सीट से अक्षय कांति बम के नामांकन वापिस लेने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी की तलाश में जुटी है। पार्टी के सब्स्टीट्यूट (वैकल्पिक) प्रत्याशी मोती सिंह पटेल की हाई कोर्ट की सिंगल बैंच में लगी रिट याचिका 30 अप्रैल को कोर्ट ने खारिज कर दी थी। जिसके बाद अब उन्होंने इस फैसले को चुनौती दी है और डबल बेंच में याचिका दायर की है। दरअसल पिछली बार न्यायालय ने कहा कि उन्होंने 10 प्रस्तावको के हस्ताक्षर के साथ फॉर्म जमा नहीं करवाया गया था। जबकि राष्ट्रीय पार्टी के अधिकृत एवं सब्स्टीट्यूट प्रत्याशी के फार्म पर एक प्रस्तावक के हस्ताक्षर से फार्म जमा होने का प्रावधान है। यह कहकर उनकी याचिका रद्द कर दी गई थी।
सिंगल बैंच के फैसले से असंतुष्ट होकर मोती सिंह पटेल ने डबल बेंच में रीट याचिका दायर की। इसमें 3 मई को मोती सिंह पटेल की तरफ से पैरवी विभोर खंडेलवाल और निर्वाचन आयोग के वकील मिनी रविन्द्रन की लगभग 90 मिनट तक बहस चली। उच्च न्यायालय की डबल बैच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में 4 मई शनिवार को फैसला आने की संभावना है।
याचिकाकर्ता मोती सिंह पटेल का कहना है कि इंदौर के मतदाताओं को बीजेपी ने मतदान करने से वंचित रखने का जो षड्यंत्र किया है। यह लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास है।कांग्रेस पार्टी अंतिम क्षण तक लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए प्रयास करेगी।
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