हेमंत शर्मा, इंदौर। देश में स्वच्छता का 6 बार परचम लहराने वाले इंदौर में गंदगी का आलम देखने को मिला। कार्यालय पुलिस उपायुक्त जोन -1 और जोन 3 के परिसर में कचरे का ढेर नजर आया। कचरे और गंदगी के कारण मक्खी और मच्छर से बीमारी फ़ैल रही है, बावजूद नगर निगम कोई सुध नहीं ले रहा। 

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दरअसल स्वच्छता में 6 बार नंबर वन का परचम लहराने वाले इंदौर में अधिकारियों के तबादलों के बाद अब हाल बेहाल होते नजर आ रहे हैं। इंदौर में सबसे पहले नगर निगम कमिश्नर रहे मनीष सिंह ने सफाई में नंबर वन लाने के लिए जी तोड़ मेहनत की थी और लगातार स्वच्छता का ध्यान रखा था। लेकिन अब आलम यह है कि इंदौर के रीगल चौराहे स्थित पुलिस कंट्रोल रूम पर ही कचरे का ढेर नजर आने लगा है और इस कचरे के ढेर से मच्छर मक्खी और गंदगी से बीमारियां फैल रही है।

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इस पुलिस उपायुक्त कार्यालय पर लोग अपनी शिकायत लेकर आते हैं और इसके साथ ही पुलिस कोर्ट भी यहां पर लगती है। इस रोड से नगर निगम के कई बड़े अधिकारियों का गुजरना भी होता है, लेकिन नगर निगम के ना ही अधिकारियों ने इसकी सुध ली और ना ही पार्षद ने और ना ही क्षेत्र के दरोगा ने। जबकि नगर निगम के कई कर्मचारी उपायुक्त कार्यालय के बाहर चाय की दुकान पर चुस्की लेने जरूर पहुंचते हैं, लेकिन सफाई का जायजा लेते नजर नहीं आते। कुछ दिनों पहले एक गड्ढा कंट्रोल रूम में हुआ था जिसको नगर निगम ने मिट्टी डालकर भर दिया लेकिन अब उस गड्ढे में पानी भर आने से एक गंदगी और मलेरिया के मच्छर भी उत्पन्न हो रहे हैं।

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 अब ऐसे में सातवीं बार स्वच्छता का दावा करने वाले नगर निगम इंदौर शहर के अन्य भागों में कैसे सफाई कर्मचारियों से सफाई करवाती होगी, इस पर बड़ा सवाल खड़ा होता है। इंदौर में नगर निगम में बीजेपी की परिषद है और कई बार बीजेपी पार्षदों ने भी वार्ड के अंदर सफाई ना होने का मुद्दा उठाया है, लेकिन बावजूद इसके शहर में अब भी गंदगी का आलम देखने को मिल रहा है। 

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