हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्यप्रदेश से बड़ी खबर निकल कर सामने आई है। कांग्रेस नेत्री शोभा ओझा ने राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा सीएम शिवराज सिंह को भेज दिया है। बता दें कि आज ही उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा देने की घोषणा की थी।
शोभा ओझा ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार आयोग में काम नहीं करने दे रही है। वो सवा दो साल से इस पद हैं, लेकिन अधिकार छीन लिए गए हैं। ऑफिस में ताला लगा दिया गया है। सरकार हाईकोर्ट के निर्देशों का माखौल उड़ा रही है। जबकि हाईकोर्ट ने पद पर बने रहने के लिए स्टे दिया है। बावजूद इसके आयोग में कोई भी काम नहीं करने दिया जा रहा है, क्योंकि सरकार कई रसूखदारों के खिलाफ आई शिकायतों पर काम नहीं करने देना चाहती है। कई विधायक और अफसरों के खिलाफ महिला प्रताड़ना का मामले लंबित है। अब तक 17 हजार से ज्यादा शिकायतें आयोग में लंबित है। महिला आयोग के अधिकारी भी सहयोग नहीं करते हैं। इस कारण मुझे मजबूरन पद छोड़ना पड़ा।
शोभा ओझा ने सीएम को लिखे इस्तीफा लेटर में कहा है कि राज्य महिला आयोग की संवैधानिक रूप से गठित कार्यकारिणी को भंग करने का प्रयास कर और उसे न्यायालयीन प्रक्रियाओं में उलझा कर आपकी सरकार ने हजारों महिलाओं को न्याय से वंचित करने का अन्यायपूर्ण कार्य किया है। राजनीतिक स्वार्थों के लिए महिला सुरक्षा और उनके अधिकारों की बलि चढ़ाने का पाप सरकार ने किया है। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
बता दें कि कांग्रेस की तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने शोभा ओझा को राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया था। आयोग का अध्यक्ष पद संवैधानिक होता है, इसलिए सरकार बदलने के बाद भी बीजेपी उन्हें नहीं हटा सकी थी।
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