हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के मामले में जिस महिला पर आरोप लगे थे, उसने सामने आकर सफाई दी है। महिला ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा है कि वह भी इस ठगी का शिकार हुई है। जबकि इस पूरे मामले का असली मास्टरमाइंड कोई और है, जिसने लोगों से पैसे ऐंठे हैं। महिला, रवीना, का कहना है कि उसने अपने पति की रेलवे में नौकरी लगवाने के लिए 5.50 लाख रुपये दिए थे। इस डील का पूरा प्रबंधन अनिल नाम के व्यक्ति ने किया था। 

महिला ने ठगी का बुना जाल: बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लगाई लाखों की चपत, फिर फोन कर कही ये बात

महिला ने बताया कि अनिल ने अन्य लोगों को भी सरकारी नौकरी दिलाने का वादा कर उनसे पैसे लिए थे। जिनमें से कुछ राशि ऑनलाइन और कुछ नकद रूप में दी गई थी। रवीना ने बताया कि अनिल सभी को नौकरी दिलाने के नाम पर लगातार गुमराह किया। कभी नौकरी का नियुक्ति पत्र भेजने की बात की, तो कभी मेडिकल टेस्ट के लिए बुलाया। जब नौकरी नहीं मिली, तो ठगे गए लोग रवीना से अपने पैसे वापस मांगने लगे। रवीना का कहना है कि अनिल ने कुछ लोगों को चेक दिए, लेकिन वे चेक बाउंस हो गए, जिससे साफ होता है कि अनिल ही इस धोखाधड़ी के पीछे है।

रवीना ने तीनों आरोपों का खंडन किया है 

1. *रोहित चौहान:* रवीना का कहना है कि रोहित की नौकरी के सिलसिले में उनकी कोई सीधी भूमिका नहीं थी। यह मामला पूजा वसुनिया के जरिए हुआ था, और पेमेंट भी पूजा को ही किया गया था। रवीना के मुताबिक, उन्होंने सिर्फ अनिल से मिले मैसेज को रोहित को फॉरवर्ड किया था।

2. *हर्षित गुप्ता:* रवीना ने बताया कि उन्होंने हर्षित से नौकरी के बारे में कोई बातचीत नहीं की। जनवरी-फरवरी 2024 में उन्होंने हर्षित से 1 लाख 25 हजार रुपए 10% ब्याज पर उधार लिए थे, जिसे उन्होंने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के माध्यम से ब्याज समेत वापस किया। रवीना ने कहा कि हर्षित ने एक झूठा नौकरी एग्रीमेंट बनाया है, जिसकी जांच होनी चाहिए।

3. *निकिता:* रवीना ने कहा कि उन्होंने निकिता से कोई पैसे नहीं लिए। वह एक कंसलटेंसी में काम करती थीं, जो प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों के लिए कैंडिडेट्स की मदद करती थी। रवीना के अनुसार, निकिता से जो भी लेन-देन हुआ, वह पूजा वसुनिया के जरिए हुआ और उनकी निकिता से कोई सीधी बातचीत नहीं हुई थी। निकिता को अनिल ने रुपए भी दिए है बावजूद इसके महिला और पैसों की मांग कर रही है।

इसके साथ ही रवीना ने बताया कि 29 लख रुपए उसने लोगों से लिए थे जो कि अनिल को दे दिए हैं। अनिल एक कंसल्टेंसी संचालित करता था। उसी कंसल्टेंसी के माध्यम से हमें उसने रेलवे के कई फार्म भी भरवाए हैं। मेरे पति का फॉर्म भी भरवाया था। लेकिन जिन लोगों से पैसे मैंने लिए थे उन्हें अनिल से मिलवा भी दिया है और अनिल ने उन्हें पैसे वापस भी कर दिए हैं।  क्योंकि अनिल के खिलाफ मैंने पूर्व में ही आवेदन दिया था, इसलिए अनिल अब मुझे फंसाने के लिए इन लोगों को मेरी शिकायत करने के लिए बार-बार थाने पर भेज रहा है। जबकि मैंने इन सभी लोगों से पहले अनिल के खिलाफ आवेदन दिया था कि उसने हमारे साथ 39 लख रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी की है।

स्वाति नाम की महिला कर रही ब्लैकमेल 

रवीना ने बताया कि स्वाति नाम की एक महिला लगातार हमें ब्लैकमेल कर रही है। स्वाति मेरे पति की पहले मित्र थी। मेरे पति कोरियोग्राफी का काम करते हैं, महिला पहले भी एक ऋषभ नाम के लड़के को ब्लैकमेल कर 10 लाख रुपए उससे ले चुकी है और अब तक चार शादियां की है। स्वाति को लेकर एक एग्रीमेंट भी लल्लूराम.कॉम को रवीना ने दिया है जिसमें ऋषभ का 10 लाख रुपए की राशि का दिया हुआ चेक भी शामिल है। 

सरकारी नौकरी दिलाने वाले अनिल और पंडितजी के भाई के बीच बातचीत

अनिल – जय श्री महाकाल…क्या हाल है…अनिल बोल रहा था।

पंडितजी के भाई – कौन…।

अनिल – अरे भाभीजी का रेलवे वाला अपन कर रहे हैं ना।

पंडितजी के भाई – हां जी, अच्छा-अच्छा बोलिए।

अनिल – रवीना मैडम को पेमेंट करना था। मेरे से मांगा था। आज पेमेंट आना था। पेमेंट आ नहीं पाया। कल और परसों दो दिन छुट्टी है।

पंडितजी के भाई – मेरी बात सुनो। उन्होंने मुझे 3-4 तारीख का बोला था। फिर 8 तारीख का बोला। फिर अब आप मुझे फोन लगाकर ये बोल रहे हो।

अनिल – उन्होंने मुझे आपके पेमेंट के लिए बोला था।

पंडितजी के भाई – सर आप मुझे बताओ, पेमेंट होगा की नहीं नहीं होगा। ये काम मुझे समझ नहीं आ रहा।

अनिल – मैं पेमेंट आपको करूंगा।

पंडितजी के भाई – सर ये जो भी हो रहा है गलत हो रहा है।

अनिल – सुनो-सुनो।

पंडितजी के भाई – मुझे कहा कि लेटर आ गया है आप पेमेंट पूरा कर दो। मैंने उधार लेकर रुपए की व्यवस्था की।

अनिल – आप सुनो।

पंडितजी के भाई – न लेटर दिखाया। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि क्या हो रहा है।

अनिल – आप मेरी बात सुनो। जॉब की बात अपन करेंगे। कोई इश्यू नहीं है। रही बात पेमेंट की तो आप मुझ से मंगलवार को 12 बजे पेमेंट ले लो।

पंडितजी के भाई – मुझे कल पेमेंट करना है।

अनिल – कल पेमेंट पॉसिबल नहीं है।

पंडितजी के भाई – मैंने किसी को बोल रखा है कि 9 तारीख को मैं पेमेंट दे दूंगा।

अनिल – कल पॉसिबल नहीं है। दो दिन छुट्टी रहेगी। मंडे को शाम तक पेमेंट आएगा। पेमेंट आए या नहीं आए। मंगलवार को 12 बजे तक पेमेंट कर दूंगा।

पंडितजी के भाई – सर मुझे पेमेंट की जरूरत है।

अनिल – आप किसी को कॉल मत करो। आप डायरेक्ट मुझे कॉल कर लेना।

पंडितजी के भाई – आप कैसे पेमेंट देंगे।

अनिल – आप जैसे कहेंगे। कैश दे देंगे या फोन-पे, गूगल-पे पर ट्रांसफर कर दूंगा।

पंडितजी के भाई – आप पेमेंट ट्रांसफर कर देना, हमें कोई दिक्कत नहीं। सबसे बढ़िया कैश दे दो।

अनिल – जैसा आप बोलोगे, मैं मंगलवार को दे दूंगा।

पंडितजी के भाई – सर पेमेंट करवा दो, मेरी बात खराब हो रही है। मुझे बहुत सुनना पड़ रही है। मंगलवार को मुझे उलझाना मत।

अनिल – आप तो मंगलवार को कॉल करना मैं पेमेंट कर दूंगा।

पंडितजी के भाई – सर तीसरी बार टाला गया है। लेटर भी नहीं दिखाया है।

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