हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) समेत देशभर में टेक्नोलॉजी (Technology) के साथ साइबर अपराध (Cyber Crime) लगातार बढ़ रहे है। कहीं यूपीआई (UPI) के माध्यम से पैसा, तो कही मोबाइल हैक (Mobile Hack) कर धोखाधड़ी (Fraud) कर पैसा निकालने के मामले सामने आए हैं। इंदौर साइबर अपराध शाखा (Indore Cyber Crime Branch) में 1 साल में लगभग 10,000 से ज्यादा साइबर की शिकायतें पुलिस को मिली है। जिनमें 70 प्रतिशत तक शिकायतों का समाधान नहीं हो सका। अब पुलिस लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए साइबर पाठशाला (Cyber Pathshala) लगाने की बात कर रही है।
डीसीपी क्राइम ब्रांच निमिष अग्रवाल (DCP Nimish Agrawal) ने बताया कि लोगों में जागरूकता आने के बाद ही साइबर के अपराधों में कमी आ पाएगी। ऐसे में साइबर पाठशाला से लोग लगातार जागरूक होते नजर आएंगे। लेकिन साइबर पाठशाला लगाने के बावजूद भी अपराधों में कमी देखने को नहीं मिल रही। निमिष अग्रवाल का कहना है कि आने वाले समय में साइबर पाठ शालाओं का फायदा जरूर मिलेगा।
जो लोग लाखों रुपये की चपत खाकर पुलिस के पास आवेदन लेकर चक्कर लगाते हैं। उनकी समस्याओं का समाधान कभी नहीं होता। फिलहाल पुलिस को विश्वास है कि साइबर पाठशाला लगाने से मामलों में कमी आएगी। वहीं बढ़ती टेक्नोलॉजी के युग में 5G शुरू हो गया है। ऐसे में साइबर फ्रॉड नई-नई तकनीकों का फायदा उठाकर लोगों को करोड़ों रुपये की चपत लगाते नजर आ रहे हैं। आने वाले समय में साइबर अपराध बढ़ने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं।
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