चंकी बाजपेयी, इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में अपराधियों के खिलाफ पुलिस एक्शन में है। पिछले 15 दिनों में 3 हजार से ज्यादा गुंडे बदमाशों की धरपकड़ के साथी वैधानिक कार्रवाई को अंजाम दिया गया। लेकिन शहर के बाईपास पर बसी पॉश कालोनियों में एक अलग ही नजारा देखने को मिला। यहां के रहवासी चोरों के आतंक से इस कदर परेशान है कि वे शिफ्ट के अनुसार रात्रि गश्त करने को मजबूर है। रहवासियों का आरोप है कि बदमाश 10 फीट की दीवार फांद कर वारदात को अंजाम देते है। 

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दरअसल ये पूरा मामला शहर के लसूडिया थाना क्षेत्र के बाईपास पर बनी कासा ग्रीन कॉलोनी की है। जहां पिछले कई दिनों से ऊंची ऊंची दीवार फांदकर चोर बदमाश चोरी की घटना को अंजाम दे रहे है। जिससे रहवासियों की रातों की नींद और दिन का चैन खराब होता हुआ नजर आ रहा है। यहां के रहवासियों का कहना है कि पिछले दिनों यहां पर तकरीबन आधा दर्जन बदमाशों ने पत्थरों से हमला भी किया था और 10 फीट की ऊंची दीवार फांदकर कॉलोनी में घुस आए और फिर लोहे की सुरक्षा के लिए जाली लगाई गई है उसे औजारों से काटने का प्रयास किया। लेकिन कुछ रहवासियों ने अचानक से आवाज सुनकर जाग गए और वह वहां से पत्थर बरसाते हुए भाग गए। 

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इतना ही नहीं कॉलोनी में जो सबसे कोने वाला घर है, वह परिवार अपना घर बदमाशों के आतंक होने के कारण खाली करके जा चूका है। पुरुष दिन भर ऑफिस और अन्य निजी नौकरियों में व्यस्त रहते हैं। घर पर महिला और बच्चे रहते हैं तो वहीं पुरुष का कहना है कि दिनभर नौकरी करने के बाद रात में शिफ्ट के अनुसार हाथों में डंडा लेकर संयुक्त रूप से गलियों में घूमते हैं ताकि कोई बदमाश हरकत ना कर पाए और हमारे बच्चे और परिवार चैन की नींद सो सके। 

कॉलोनी वासियों के मुताबिक यह दौर करीबन 25 से 30 दिनों से लगातर जारी है।  इन सब बातों से पुलिस की कार्यप्रणाली और शासन द्वारा लागू कमिश्नरी प्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। महिलाओं के हाथों में डंडे यह दिखाते हैं कि महिला भी पुरुषों के साथ बदमाशों के खिलाफ खड़ी है और अपने बच्चों की सुरक्षा में डटी हुई है.

वहीं इस मामले में डीसीपी अभिषेक आनंद का कहना है कि बाईपास पर कई पॉश कालोनियां है जहां पर व्यापक स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था के माध्यम से स्थापित की जाएगी। क्योंकि देखा गया है कि बाईपास की कॉलोनी में अधिकांश चोरी और वारदातें होती हैं जिन पर अंकुश लगाने के लिए सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा गार्ड रहवासियों के माध्यम से चर्चा करने के बाद रखे जाएंगे और इसके लिए आने वाले दिनों में अभियान चलाया जाएगा और पहले भी अभियान चलाया गया है पुलिस की रात्रि में गश्त कराई जाती है और रहवासियों के साथ मिल कर इसे कड़े कदम उठाए जाएंगे। अब देखना होगा पुलिस इन परिवारों की किस प्रकार से सहायता करती है, ताकि ये भयमुक्त रह सके।  

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