हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश का इंदौर शहर, जो स्वच्छता में देशभर में अग्रणी है। अब महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक नई मिसाल पेश कर रहा है। शहर में स्थापित एक अनोखा महिला मैकेनिक गैरेज न केवल प्रदेश में, बल्कि संभवतः पूरे देश में अपनी तरह का पहला गैरेज है, जहां दुपहिया वाहनों की रिसीविंग, मरम्मत और सर्विसिंग का सारा काम महिलाएं करती हैं। इस पहल ने करीब 100 से अधिक महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

जनवरी 2022 में ‘समान सोसायटी’ (समानता और बदलाव की पहल) द्वारा शुरू किया गया यह महिला मैकेनिक गैरेज, इंदौर के पिपल्याहाना, हवा बंगला और पालदा क्षेत्रों में संचालित हो रहा है। इस गैरेज में करीब 20 से 25 महिलाएं नियमित रूप से कार्यरत हैं, जो आत्मविश्वास और गर्व के साथ अपने कार्य को अंजाम दे रही हैं। इस गैरेज की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद 100 से अधिक महिलाओं को प्रतिष्ठित दोपहिया वाहन कंपनियों के सर्विस सेंटरों में प्लेसमेंट दिलाया गया है।

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महिलाओं की कहानी, आत्मविश्वास से सफलता तक

इस गैरेज में काम करने वाली महिला मैकेनिकों में शिवानी रघुवंशी, दुर्गा मीणा और मेघा खराटे प्रमुख हैं। ये महिलाएं बताती हैं कि शुरुआत में उन्हें काम सीखने में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनके परिवारजनों का प्रोत्साहन और समर्थन उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहा। आज, ये महिलाएं गर्व से कहती हैं कि वे न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि समाज में एक नई पहचान भी बना रही हैं। महिला मैकेनिकों को यहां 9 से 15 हजार रुपये तक की मासिक सैलरी मिलती है, जिससे उन्हें आर्थिक सशक्तिकरण का भी अवसर मिल रहा है।

महिलाओं को उपलब्ध कराया जा रहा मार्गदर्शन और आवश्यक संसाधन

इसके साथ ही आसपास की महिलाएं अपने वाहनों की मरम्मत के लिए इसी गैरेज पर आना पसंद करती हैं, जिससे इस पहल की लोकप्रियता में और भी वृद्धि हो रही है। इस महिला गैरेज की स्थापना के पीछे ‘समान सोसायटी’ का महत्वपूर्ण योगदान है। संस्था के डायरेक्टर राजेन्द्र बंधु बताते हैं कि उनकी सोच यह है कि महिलाएं सिर्फ मैकेनिक बनकर न रुकें, बल्कि भविष्य में अपनी कंपनियों का संचालन भी करें। इसके लिए महिलाओं को मार्गदर्शन और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। समान सोसायटी के माध्यम से सेफ सिटी और आईसीडीएस विभाग के साथ मिलकर महिलाओं के लिए जन जागरूकता और सशक्तिकरण के प्रयास भी किए जा रहे हैं।

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क्या है उद्देश्य

इस पहल का उद्देश्य है कि महिलाएं समाज में यह संदेश दे सकें कि जेंडर के आधार पर काम का बंटवारा नहीं किया जा सकता। महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ बराबरी से काम कर सकती हैं और सफल हो सकती हैं। इंदौर का यह महिला मैकेनिक गैरेज एक ऐसी सफलता की कहानी है, जिसने न केवल इन महिलाओं को सशक्त बनाया है, बल्कि समाज को भी एक नई दिशा दी है। इस पहल से यह साबित होता है कि अगर महिलाओं को सही मार्गदर्शन और अवसर मिलें, तो वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकती हैं और उसमें सफल हो सकती हैं। इंदौर के इस गैरेज की सफलता देशभर के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।

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