हेमंत शर्मा, इंदौर। नेत्रहीन लोगों के लिए काम करने वाली यंग इंडियन संस्था ने 120 सदस्यों के साथ डायनिंग इन द डार्क थीम पर डिनर किया। इस थीम का मुख्य उद्देश्य था नेत्रहीन लोगों के दर्द को महसूस करना और उसके बाद उनकी मदद करना है। यह कार्यक्रम इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया।

दरअसल, इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में यंग इंडियन संस्था ने डायनिंग इन द डार्क की थीम पर डिनर का आयोजन रखा। इस डिनर का मुख्य उद्देश्य नेत्रहीन लोगों के दर्द को एहसास करना है। इसके साथ यह भी जानना है कि वह जीवन भर जिस तरह से अंधेरे में रहते हैं, तो वह क्या महसूस करते होंगे और इस दर्द को महसूस करने के लिए 120 संस्था के सदस्यों ने अलग-अलग चार सेशंस में एक बड़े हॉल में ब्लैकआउट कर गेम्स खेले।

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ब्रेल लिपि से नंबरों को पहचान, स्माइल कर सब्जियां बताई, फल फ्रूट के नाम बताएं और लंबे समय तक ब्लैकआउट कमरे में बैठे रहे।

इसके साथ ही डिनर भी ब्लैकआउट एरिया में किया। संस्था की अध्यक्ष भावना गनेड़ीवाल ने बताया कि डायनिंग इन द डार्क इवेंट कोलकाता में हुआ था। इसके बाद दूसरा इवेंट रायपुर में हुआ और अब तीसरा इवेंट इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य नेत्रहीन लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद करना है। जिसके लिए संस्था लगातार प्रयासरत रहती है।

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आपको बता दें कि इसके पहले संस्था ने ब्रेल लिपि में इंदौर के होटल में मेनू कार्ड भी लॉन्च किया था। जिसके माध्यम से नेत्रहीन लोग खुद अपने खाने का ऑर्डर दे सकते है। नेत्रहीन लोगों की मदद करने के पहले उनके दर्द को एहसास करना भी जरूरी है कि वह किसने दर्द से गुजर रहे हैं। इसके बाद दिल से जुड़कर उनकी मदद अच्छे से की जा सके, इसके लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

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