इंद्रपाल सिंह, इटारसी (नर्मदापुरम) राह कठिन होगी, मगर बदलाव मुमकिन है अन्याय और दमन की मानसिकता को ठुकराकर न्याय और अधिकार को स्थापित करना हमारा लक्ष्य है। इसी उद्देश्य को लेकर बैतूल जिले की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे न्याय यात्रा लेकर निकली हैं। यात्रा भोपाल सीएम हाउस पर खत्म होगी। निशा ने डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस से विधायक चुनाव लड़ने का मन बनाया है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा इस्तीफा मंजूर नहीं किए जाने की बात पर निशा न्याय यात्रा लेकर निकली हैं।

इटारसी में भव्य स्वागत

आमला से निशा न्याय यात्रा लेकर इटारसी पहुंची, जहां कांग्रेस अनुसूचित जाति संगठन द्वारा निशा का भव्य स्वागत किया गया। बड़ी संख्या में लोग निशा के स्वागत में एकत्रित हुए। निशा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश शासन एक अनुसूचित जाति की महिला के साथ अन्याय कर रही है। मैंने अपने डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा दिया है और कांग्रेस पार्टी से विधायक का चुनाव लड़ने का मन बनाया है। लेकिन मेरे इस्तीफा शासन द्वारा मंजूर नहीं किया जा रहा है। मैंने अपने इस्तीफा मंजूर करने के लिए माननीय न्यायालय की शरण ली है। न्यायालय से मुझे न्याय मिलेगा।

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जान से मारने की मिली धमकी

बता दें कि, 28 सितंबर को शुरू हुई डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे की न्याय पदयात्रा इस्तीफा मंजूर कराने के लिए की जा रही है। बीते रोज इनका एक वीडियो भी समाने आया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही है। धमकी कौन और क्यों दे रहा, इसका कोई प्रमाण नहीं दिया गया। निशा बांगरे ने कहा था कि अगर कुछ होता है तो इसका जिम्मेदार शासन-प्रशासन होगा।

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इस वजह से दिया इस्तीफा

दरअसल, निशा बांगरे ने 25 जून को आमला बैतूल में अपने नए घर के उद्घाटन समारोह के दौरान सर्व धर्म प्रार्थना और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए छुट्टी का आवेदन दिया था। लेकिन उन्हें छुट्टी देने से इनकार कर दिया गया। जिसके बाद उन्होंने 22 जून को अपने विभाग को एक पत्र लिखकर इस्तीफे की जानकारी दी। उन्होंने धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं मिलने से अपने मौलिक अधिकारों के हनन और धार्मिक भावनाओं के आहत होने की बात कही है।

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पहले मल्टीनेशनल कंपनी में करती थीं नौकरी

बालाघाट जिले में जन्मी निशा बांगरे ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद गुरुग्राम स्थित एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की। साल 2016 में उनका चयन एमपी में डीएसपी के पद पर हो गया। 2017 में उनका एमपी में डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हो गया। बैतूल के आमला क्षेत्र में उनकी पहली पोस्टिंग थी। इस्तीफा देने से पहले निशा बांगरे छतरपुर जिले के लवकुशनगर में एसडीएम थीं।

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