कुमार इंदर, जबलपुर। राज्य सरकार के एक फैसले से जबलपुर नगर निगम को करीब 500 करोड रुपए का चूना लग सकता है, दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2022 तक की सभी अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की है। जिसके लिए किसी तरह का कोई शुल्क भी नहीं लिया जाएगा। इस लिहाज से देखें तो जबलपुर में करीब 250 कॉलोनी अवैध कैटेगरी में आती हैं और इन ढाई सौ अवैध कॉलोनी को बिना शुल्क और कंपाउंडिंग दिए वैध किया जाता है तो नगर निगम को करीब 500 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है।
जबलपुर नगर निगम के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नु ने साफ कह दिया है कि, यह चुनावी घोषणा है जो कभी धरातल पर नहीं उतरने वाली। महापौर ने कहा कि हमारे पास जब तक लिखित में कोई आदेश नहीं आता, तब तक हम बिना शुल्क लिए किसी भी अवैध कॉलोनी को वैध नहीं करेंगे। महापौर ने कहा कि विकास शुल्क लिए बिना अवैध कॉलोनियों को वैध करना अवैध काम को प्रमाण देना है। महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नु का कहना है कि, विकास शुल्क की सामान्य प्रक्रिया दशकों से चली आ रही है, जो रोकी नहीं जा सकती। या तो यह विकास शुल्क हमें लोगों से मिले या फिर सरकार हमें लिखित में दें कि इसकी भरपाई सरकार करेगी।
वहीं इस मामले में जानकारों का भी कहना है कि कहीं ना कहीं यह घोषणा उन कॉलोनाइजर्स के लिए मुंह चुराने जैसी है, जो टीएनसीपी रेरा जैसे कानूनों का न केवल पालन करते हैं बल्कि एक भारी-भरकम कीमत भी चुकाते हैं। अवैध कॉलोनी को वैध करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने भी ऐलान कर दिया कि अब इनको बैंक गारंटी भी दी जाएगी। हालांकि मुख्यमंत्री ये बात जरूर कही है कि इसके बाद यदि कोई भी अवैध कॉलोनी बनती है तो उसके लिए दोषी अधिकारी को माना जाएगा।
क्या है नियम?
बता दें कि अवैध कॉलोनी को वैध करने के लिए सिर्फ विकास शुल्क ही नहीं लिया जाता, बल्कि कंपाउंडिंग शुल्क भी जुड़ता है।प्रत्येक घर से 1000 रुपए नक्शा शुल्क, 1000 रुपए वाटर टैक्स और 1000 के ही हिसाब से मलमा टैक्स जुड़ता है। मध्य प्रदेश में पहली बार 1982 में एमपी विनिर्दिष्ट भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम लाया गया था, जिसमें जिले के कलेक्टर को कानूनों की अनुमति देने का अधिकार दिया गया था। 1998 में मध्य प्रदेश नगर पालिका कॉलोनाइजर तथा शर्ते नियम 1998 लाया गया। इसके तहत कालोनियों को अनुमति देने का पूरा अधिकार नगर निगम को दिया गया। इसके बाद 1998 में लाए गए नगर पालिका कॉलोनाइजर तथा शर्ते नियम को कट ऑफ बढ़ाते गए। वहीं मध्यप्रदेश पालिका कॉलोनी विकास नियम 2021 लाइव जिनके तहत वर्तमान में कालोनियों को अनुमति देने की प्रक्रिया की जा रही है।
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