कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में गेहूं उपार्जन के दौरान हुई गड़बड़ी को लेकर 4 साल पुराने मामले पर कलेक्टर न्यायालय ने ट्रांसपोर्टर पर 32 लाख का जुर्माना लगाया है। साल 2019-20 के दौरान गेहूं उपार्जन प्रक्रिया में 1743.53 क्विंटल में गड़बड़ी पाई गई थी। कलेक्टर न्यायालय में सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया गया है।
यह पूरा मामला मझौली के स्थित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति नामक संस्था से संबंधित है। गेहूं उपार्जन के दौरान हुई गड़बड़ी को कलेक्टर न्यायालय ने मेसर्स नर्मदा इंटरप्राइजेज के राजेंद्र अग्रवाल पर 32 लाख का लगा जुर्माना है।
बता दें कि, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के रत्नेश भट्ट ने गेहूं की अफरा-तफरी को लेकर कलेक्टर न्यायालय में एक प्रकरण लगाया था। यह प्रकरण गेहूं उपार्जन प्रक्रिया के दौरान 1743.53 क्विंटल की गड़बड़ी को लेकर था। इस अनाज की कीमत 32 लाख 8 हजार 95 रुपए थी। जिसमें आरोप रहा कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति से उपार्जन के बाद गोदामों को भेजे गए गेहूं में से 1743.53 क्विंटल गेहूं की कमी पाई गई थी।
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