कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर में सेंट्रल जीएसटी (GST) में सीबीआई छापा मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।सीबीआई के वकील ने आरोपियों (कपिल कांबले, सोमेन गोश्वामी, प्रदीप हजारी, वीरेंद्र जैन, विकास गुप्ता) को जमानत देने से इंकार किया। कहा कि आरोपियों को जमानत देने से केस को कमजोर करने की कोशिश होगी और समाज में गलत संदेश जायेगा। सीबीआई (CBI) के वकील ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा। सीबीआई ने रेड के दौरान मिली रकम भी बताई। कहा कि सोमेन गोस्वामी ने ही डील की थी, जिसका आडियो मौजूद है।
आरोपियों के वकीलों ने कोर्ट में अपना-अपना पक्ष रखा। कहा कि मामले में एक करोड़ की रिश्वत मांगने की बात गलत है। साढ़े 10 लाख की रिकवरी के लिए कोई कैसे एक करोड़ की रिश्वत मांग सकता है। सीबीआई पर मनगढ़ंत रिपोर्ट बनाने का आरोप लगाया। आरोपियों के वकीलों ने पैसों की रिकवरी पर भी सवाल उठाए। जीएसटी कमिश्नर के आदेश पर हुईं रेड, तो छापा टीम कैसे देती फैक्ट्री का रिलीजिंग ऑर्डर।
आरोपी सोमेन गोस्वामी के वकील ने दलील दी कि- छापे के वक्त सोमेन ऑफिस में नहीं था। सोमेन गोस्वामी ने रिश्वत नहीं मांगी थी। छापे के दिन सोमेन गोस्वामी बच्ची के लिए केक खरीदने गया था। उसके सीनियर का फोन आया था। सोमेनके घर में सर्च के दौरान मात्र 3405 रुपए और 28 ग्राम सोना मिला है। उसके घर में 4.55 बजे रेड पड़ी थी। सोमेन की फैमली ने कर्रवाई में पूरा सपोर्ट किया। वकील ने कपिल कांबले को मोरल ग्राउंड पर जमानत मांगी। कहा कि कपिल के घर 4 बुजुर्ग, पत्नी, दो छोटी बच्ची है।
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