कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर के गौरी घाट स्थित आयुर्वैदिक कॉलेज ग्राउंड में 73वें पंजाबी दशहरा का आयोजन किया गया। रावण दहन से पहले कई सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम भी किए गए। वहीं पंजाबी दशहरा कार्यक्रम में श्रीराम के पूजन अर्चन, वंदन और रोमांचकारी आतिशबाजी का प्रदर्शन किया गया।
पंजाबी दशहरा में शिवाकाशी, भारतीय अन्य आतिशबाजी का बेजोड़ प्रदर्शन किया गया। राष्ट्रीय स्तर के आतिशबाज एक से बढ़कर एक इंद्रधनुषी बहुरंगीय धमाकों का प्रदर्शन किया। रावण दहन के पहले जबलपुर के मशहूर श्याम बैंड की शानदार प्रस्तुति भी दी गई।
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इस मौके पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह समेत पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता तरूण भनोट के साथ कई लोग मौजूद रहे। आपको बता दें कि हर साल दशहरे के एक दिन पहले पंजाबी दशहरा का आयोजन किया जाता है, जिसमें शहरभर के लोग लुत्फ उठाने पहुंचते हैं।
PWD मंत्री बोले- पंजाबी दशहरा ने छोड़ी अमिट छाप
पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि पंजाबी दशहरा 73 वर्षों की गौरवमयी यात्रा है। ये जबलपुर की सांस्कृतिक पहचान और धरोहर बन चुका हैं। इन 72-73 वर्षों में बहुत कुछ बदला, समय, लोग, पीड़िया और तकनीक बदल गई, लेकिन इसकी भव्यता और गरिमा नहीं बदली, जो आज भी बरकरार है। वास्तव में विजयादशमी भारत का एक पर्व या उत्सव मात्र नहीं है, ये एक संदेश है कि जब बुराईयां चरम पर हो जाती है तब संपूर्ण समाज एक होकर ईश्वर की कृपा से बुराइयों के अंत के लिए आगे आता है। अहंकार का दमन करने के लिए आगे आता है। पंजाबी दशहरा ने एक अमिट छाप संस्कारधानी में छोड़ी है।
पूर्व मंत्री बोले- धर्म के नाम पर राजनीति, कर्म की बात पर पीछे कुछ लोग
पूर्व मंत्री तरूण भनोट ने धर्म के नाम पर राजनीति तो होती है लेकिन जब कर्म की बात आती है तो कुछ लोग पीछे हट जाते है। जब मैं मंत्री था तो इस आयुर्वेदिक मैदान में व्यवस्थित गैलरी बनाने के लिए ढाई करोड़ की राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन दुर्भाग्य सरकार गई और काम रोक दिया गया। प्रभु से प्रार्थना है कि भगवान उन्हें सद्धबुधि दे जिन्होंने यह काम रोका था। स्वीकृत राशि पड़ी हुई है, भूमिपूजन भी हो गया था। उन्होंने आगे कहा कि 74वें वर्ष जब पंजाबी दशहरा हो तो जनता जो जमीन पर बैठी है उन्हें तकलीफ न हो, गरिमामयी तरीके से इस धार्मिक आयोजन का लाभ उठा सके और संस्कारधानी में जो अन्य कार्यक्रम होते है, वह भी यहां हो सके।
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