कुमार इंदर,जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर की रांझी थाना में तैनात एक ASI मानो अंगद का पैर बन गया हो, जी हां यह इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि रांझी थाना में तैनात त ASI मनोज गोस्वामी के खिलाफ कई शिकायत की गई यहां तक की कोर्ट में भी मामला गया उसके बावजूद क्या वजह है कि ASI मनोज गोस्वामी को हटाने की कार्रवाई या उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा। इसी कड़ी में आज विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने रांझी थाना के अंदर बैठकर घंटों हनुमान चालीसा का पाठ किया और उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। विश्व हिंदू परिषद के लोग घंटों इसी तरह रांझी थाना में हनुमान पाठ कर कर एएसआई मनोज गोस्वामी की इस दौरान सीएसपी भी मौके पर पहुंचे जिन्होंने प्रदर्शन कर रहे लोगों को काफी समझाने की कोशिश लेकिन विश्व हिंदू परिषद के लोग इस बात पर अड़े रहे कि जब तक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
क्या है पुरा मामला
दरअसल पिछले दिनों रांझी थाना के एएसआई मनोज गोस्वामी ने एक शराब गिरोह को पकड़ने का दावा किया था जिसमें मनोज गोस्वामी ने दावा किया था कि उन्होंने आरोपियों के पास से अवैध शराब भी जप्त की है। लेकिन कोर्ट में एएसआई मनोज गोस्वामी अपनी ही कार्रवाई को प्रूफ नही कर पाए।
कोर्ट ने एएसआई के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
एएसआई मनोज गोस्वामी के द्वारा की गई कार्रवाई को कोर्ट ने संदेह के घेरे में बताया था। जिसमें कोर्ट ने तर्क दिए कि साक्षियों की साक्ष्य विरोधाभासी होने से विश्वसनीय नहीं पाई गयी है। गवाह कार्यवाही का समय भी नहीं बता पाए। यहां तक कि उनकी घटना स्थल पर उपस्थिति भी संदेह के घेरे में हैं। प्रकरण के हमराह साक्षी आरक्षक मनीष पटैल, वीरेन्द्र पटैल और प्रधान आरक्षक वीरेन्द्र तिवारी घटना की पुष्टि करने में भी असफल रहे।
प्रकरण में किसी भी प्रकार के तौल पंचनामें और शराब से भरे कुप्पों की क्षमता की तस्दीक के अभाव में यह भी घोर संदेहास्पद पाया गया है कि जब्तशुदा मदिरा 60 बल्क लीटर थी अर्थात 50 बल्क लीटर से अधिक थी। जब्तशुदा माल और सैम्पल को थाना प्रभारी की सील से थाने के मालखाने में जमा नहीं किये जाने से उसकी विश्वसनीय खंडित्त होगी।यह भी संदेहास्पद पाया गया है कि जो सैम्पल जांच के लिये भेजा गया था। वह जब्तशुदा सैम्पल ही था। इस बात को लेकर कोर्ट ने एएसआई के खिलाफ़ कार्रवाई के आदेश दिए थे।
ASI का विवादों से गहरा नाता
एएसआई मनोज गोस्वामी रांझी थाने में कई सालों से पदस्थ हैं। जिनका विवादों से गहरा नाता रहा है। यहीं कारण था कि 2 साल पहले अधारताल थाने से एएसआई का तबादला तत्कालीन एसपी ने रांझी कर दिया गया था। वहीं रांझी थाने आने के 6 माह बाद ही एएसआई मनोज गोस्वामी पर बेहद ही गंभीर आरोप लगे थे।
रांझी थाना इलाके में रहने वाली शादीशुदा महिला ने आरोप लगाया था कि थाने में पदस्थ एएसआई मनोज गोस्वामी उससे फोन पर अश्लील बातें करता था। इतना ही नहीं बल्कि उसे अपनी मनचाही जगह पर बुलाने के लिए भी दबाव भी बनाता रहता था। जब उसने एएसआई की बातें मानने से इंकार कर दिया तो मनोज गोस्वामी ने उसके पति को थाने में ले जाकर उसके साथ मारपीट कर दी थी। यहीं नहीं मनोज गोस्वामी पर यह भी आरोप लगा था कि, यदि महिला ने उसकी बात नहीं मानी है तो वह उसके पति को झूठे मुकदमे में फंसा देगा।
पचमढ़ी में महिला आरक्षक ने भी दर्ज कराई थी शिकायत
जानकारी के मुताबिक एएसआई मनोज गोस्वामी के खिलाफ पचमढ़ी में पदस्थापना के समय एक महिला आरक्षक के साथ छेड़छाड़ करने का मामला जमकर तूल पकड़ा था। उस दौरान मनोज गोस्वामी पचमढ़ी में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ थे। उस समय महिला आरक्षक की शिकायत पर पचमढ़ी थाने में 2018 में मनोज गोस्वामी के खिलाफ़ अपराध क्रमांक 49/2018, 354 का अपराध पंजीबद्ध हुआ था। बताया जाता हैं कि मामला दर्ज होने के बाद आरोपी मनोज गोस्वामी तीन महिने से अधिक फरार था, जिसके बाद उसे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी।
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