कुमार इंदर, जबलपुर। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) जबलपुर की टीम ने बालाघाट के लालबर्रा में तहसीलदार के रीडर पैमेंद्र हरिनखेड़े को 35 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफतार किया है। आरोपी रीडर ने जमीन के खसरे से अलग हुए लोगों के नाम हटाने के लिए 45 हजार रूपए की रिश्वत मांगी थी। पीड़ित ने तय रकम के अनुसार 5 हजार रूपए की रकम पहले ही दे दी थी। बाकी की रकम देने के पहले उसने ईओडब्ल्यू को शिकायत कर दी। जिसके आधार पर EOW की टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) के एसपी देवेन्द्र सिंह राजपूत ने बताया कि विवेकानंद कालोनी बालाघाट निवासी अरुण जेठवा ने अपनी फैक्टरी की जमीन के खसरे से अलग हो चुके भागीदारों के नाम हटाने के लिए आवेदन दिया था। जिस पर तहसीलदार के रीडर पैमेंद्र हरिनखेड़े ने 40 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। फरियादी अरुण जेठवा ने 15 जून को पहली किश्त के रुप में 5 हजार पहले ही दे दिए थे। इसके बाद जबलपुर EOW से शिकायत की।

आज बताए अनुसार अरुण जेठवा रिश्वत की शेष राशि 35 हजार रुपए लेकर रीडर पैमेंद्र हरिनखेड़े के लालबर्रा स्थित आवास पर पहुंचे। जैसे ही अरुण से रीडर पैमेंद्र ने रकम ली, तभी ईओडब्ल्यू के डीएसपी मंजीत सिंह, इंस्पेक्टर प्रेरणा पांडेय, शशिकला मस्कूले, मोमेन्द्र मर्सकोले, एसआई कीर्ति शुक्ला सहित टीम के अन्य सदस्यों ने दबिश देकर तहसीलदार के रीडर पैमेंद्र हरिनखेड़ को रंगे हाथ पकड़ लिया।

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