कुमार इंदर, जबलपुर। जबलपुर में एक निजी अस्पताल में हुए अग्निकांड में 8 लोगों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। स्वास्थ्य विभाग ने आज और चार निजी अस्पतालों का लाइसेंस रद्द कर दिया। स्वास्थ्य विभाग ने ना केवल इन अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त किए, बल्कि इसमें किसी भी तरह के मरीजों की भर्ती पर भी रोक लगा दी है। लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई फायर एनओसी और दूसरे नियमों को पालन न करने पर की गई है। आने वाले समय में शहर के कुछ और निजी अस्पतालों के लाइसेंस रद्द हो सकते हैं।
अब तक इन अस्पतलों के रद्द हुए लाइसेंस
डॉ खान ई एन टी हॉस्पिटल, तिगनाथ हॉस्पिटल, लाईफ लाइन मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल और सुहागी जबलपुर एवं आयुष्मान हॉस्पिटल सिहोरा, छाबड़ा हॉस्पिटल गुरंदी रोड, रॉयल हॉस्पिटल गढ़ा रेलवे क्रांसिंग, डॉ.कपिल नर्सिग होम डीएन जैन स्कूल के सामने, खिदमत हॉस्पिटल आधारताल, सिद्धी विनायक हॉस्पिटल नेपियर टाऊन, अग्रवाल नेत्र चिकित्सालय राईट टाऊन, सिंधु नेत्रालय ग्वारीघाट, मिडास हॉस्पिटल आधारताल, मेडि लाईफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल मनमोहन नगर, बरगी स्थित राधाकृष्ण हॉस्पिटल एवं कटंगी स्थित श्री हेल्थ केयर हॉस्पिटल एवं एन वी हॉस्पिटल,जगदीश चिल्ड्रल हॉस्पिटल, जीवन ज्योति हॉस्पिटल, डॉ. कावेरी शॉ विजया वूमेन क्लीनिक एण्ड हॉस्पिटल,प्राची नर्सिंग होम, कुमार हॉस्पिटल,स्टार हॉस्पिटल, निर्मल हॉस्पिटल, शाफिया हॉस्पिटल अभिनंदन हॉस्पिटल, आदर्श हॉस्पिटल, कामाख्या हॉस्पिटल और सरकार हॉस्पिटल शामिल हैं। लाइसेंस रद्द करने के साथ ही इन सभी निजी अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने पर तत्काल रोक लगा दी गई है। साथ ही पूर्व से भर्ती मरीजों का पूरा उपचार करने की हिदायत अस्पताल संचालकों को दी गई है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल,1 अगस्त को शहर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलीटी अस्पताल में हुए अग्निकांड के बाद 8 लोगों की जान चली गई थी। इस घटना में कई घायल भी हुए हैं। अस्पताल में आग लगने के पीछे फायर एनओसी का होने के साथ-साथ कई सारे नियमों का पालन नहीं किया जाना पाया गया था, इस अग्निकांड के बाद पूरे प्रदेश में हाहाकार मच गया या था। जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तमाम जिलों के कलेक्टर और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक बैठक की। बैठक में सीएम ने निर्देश दिए कि इस तरह लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले अस्पतालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। इसी के बाद से ही जबलपुर स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया और लगातार निजी अस्पतालों पर कार्रवाई कर रहा है। अब तक 28 अस्पतालों के लाइसेंस रद्द किए जा चुके है। आपको बता दें कि 2 दिन पहले ही जबलपुर के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी रत्नेश कुरारिया को भी इसी मामले में निलंबित किया गया है।
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