कुमार इंदर, जबलपुर। अंतरजातीय विवाह को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। प्रदेश में अगर कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से अंतरजातीय विवाह करता है तो फिलहाल उस पर मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 के तहत कार्रवाई नहीं की जाएगी। हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत दी है। इस मामले में हाई कोर्ट ने सरकार से 3 सप्ताह में जवाब मांगा है।

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दरअसल, मध्य प्रदेश स्वतंत्रता एक्ट 2021 की संवैधानिकता वैधता को हाईकोर्ट में 6 याचिकाओं के जरिए चुनौती दी गई है। याचिका में अधिनियम की धारा 10 को असंवैधानिक करने की मांग गई थी। एलएस हरदेनिया और आजम खान समेत 8 लोगों ने ये याचिकाएं दायर की है।

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आज की सुनवाई में कोर्ट ने अपने अंतरिम फैसले में धारा 10 के तहत फिलहाल कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा, कोई भी व्यस्क व्यक्ति मर्जी से धर्म परिवर्तन करता है तो इस पर कार्रवाई ना की जाए। धारा 10 के तहत धर्म परिवर्तन के लिए कलेक्टर को 60 दिन का नोटिस देना जरूरी होगा।

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