कुमार इंदर, जबलपुर। नाना घाटी भूस्खलन मामले में हाई कोर्ट ने सरकार एवं रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दरअसल नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ पीजी नाजपांडे  एवं  समाजसेवी रजत भार्गव की ओर से हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया है कि जबलपुर मंडला रायपुर नेशनल हाईवे रोड पर बरेला के आगे नाना घाटी जो कि लगभग 2600 मीटर के दायरे में आती है वह जगह पर हमेशा भूस्खलन होता रहता है। इसके साथ ही सड़क पर आए दिन पत्थर आ जाते हैं। जिस कारण से हमेशा हादसों का अंदेशा बना रहता है। 

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इस संबंध में याचिकाकर्ता ने पूर्व में जबलपुर कमिश्नर को पत्र भी लिखा था। जिसके बाद कमिश्नर ने इस संबंध में रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन द्वारा आश्वासन दिया गया था कि इस संबंध में विशेषज्ञों की राय ली जा रही है, जल्दी ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने न्यायालय में बताया कि आवेदक के कहने पर मानव अधिकार आयोग ने भी इस संबंध में रिपोर्ट बुलाई थी। मानव अधिकार आयोग के समक्ष सड़क विकास प्राधिकरण ने यह आश्वासन भी दिया था की विशेषज्ञों की राय मिल  चुकी है, वन भूमि परिवर्तन की कार्यवाही के बाद जल्दी ही  सुरक्षा के उपाय कर दिए जाएंगे।

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अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने कोर्ट में विभिन्न समाचार पत्रों की प्रति सौंपते हुए कहा कि आज भी समाचार पत्रों में नाना घाटी में हो रहे हादसों और भूस्खलन की खबरें प्रकाशित हो रही है। इन तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय ने नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है। वहीं मामले की अगली सुनवाई 2 सितंबर के लिए नियत की हैं।

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