कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश में ओबीसी के 27% आरक्षण को लेकर आज फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुनाई होना है, ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेत्री जया ठाकुर की ओर से भी पिटीशन लगी हुई है। याचिका में कहा गया है कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश जिसमें 13 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को होल्ड किया गया उस पर रोक लगाई जाए या फिर हाईकोर्ट के मामले में अंतरिम आदेश को निरस्त किया जाए। सरकार ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चल रहे केस को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की पिटीशन लगाई है, लिहाजा मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई होना है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तय होगा कि आखिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चलेगा या मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में ही पहले की तरह चलता रहेगा।
हाईकोर्ट में पहले से चल रही सुनवाई
बता दें कि मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण को देने को लेकर हाईकोर्ट में 60 से भी ज्यादा याचिका लंबित है। जिसमें कुछ याचिका ओबीसी के आरक्षण के पक्ष में है तो कुछ याचिका 27% आरक्षण दिए जाने के विरोध में लगी है। ओबीसी आरक्षण के विरोध में लगी याचिका में कहा गया है कि ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने से कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक हो जायेगा, जो सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक बेंच द्वारा पारित आदेश के खिलाफ होगा।
क्यों नहीं कर रहा हाईकोर्ट मामले में सुनवाई
दरअसल ओबीसी आरक्षण मामले को लेकर हाईकोर्ट में 60 से ज्यादा याचिकाएं लगी हुई है जिस पर हाईकोर्ट में कई दौर की सुनवाई भी हो चुकी है। इसी बीच मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक ट्रांसफर एप्लीकेशन लगाई है जिसमें सरकार की ओर से कहा गया है कि कुछ याचिका सुप्रीम कोर्ट में पहले से लगी हुई है लिहाजा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चल रहे मामले को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर सब पर एक साथ सुनवाई की जाए, जिससे ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण मिल सके। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से ट्रांसफर पिटीशन लगी होने के चलते हाईकोर्ट इस पर सुनवाई नहीं कर रहा है। ट्रांसफर एप्लीकेशन पर सुप्रीम कोर्ट अपना रुख साफ नहीं करता जब तक हाईकोर्ट सुनवाई नहीं करेगा।
एक बार निरस्त हो चुकी ट्रान्सफर एप्लीकेशन
इससे पहले भी मध्य प्रदेश सरकार ने ट्रांसफर याचिकाएं दायर की थीं, जिसे सुप्रीम कोर्ट निरस्त करते हुए हाईकोर्ट में लंबित मामलों की जल्द सुनवाई के निर्देश दिए थे। उसके बाद सरकार ने मामले में सुप्रीम कोर्ट में ट्रान्सफर एप्लीकेशन लगा रखी है जिसकी वजह से ओबीसी आरक्षण की सुनवाई रुकी हुई है।
हाईकोर्ट में डे-टू-डे चल रही थी सुनवाई
ओबीसी आरक्षण मामले का जल्द से जल्द निपटारा करने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट में अगस्त 2023 में डे-टू-डे सुनवाई चल रही थी। जिसके बाद पांच दिनों तक नियमित सुनवाई भी की गई, लेकिन इसी बीच मध्य प्रदेश महाधिवक्ता की ओर से हाईकोर्ट में बताया गया कि मामले में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर याचिकाएं दायर की हैं। उसी के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई यह कहते हुए रोक दी कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में लगे ट्रांसफर पिटीशन पर निराकरण नहीं हो जाता है तब तक हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं होगी।
54 विभागों में होल्ड 13 प्रतिशत आरक्षण
मध्य प्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण में से 13% आरक्षण होल्ड किए जाने को लेकर प्रदेश के सभी 54 विभागों में पिछले पांच सालों से 13 प्रतिशत पदों पर नियुक्तियों को होल्ड पर रखा है। इससे कई अभ्यर्थियों का भविष्य प्रभावित हो रहा है।
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