कुमार इंदर, जबलपुर। अगर दिव्यांग व्यक्तियों को ही अपनी दिव्यांगता साबित करनी पड़े तो इससे शर्म की बात और कुछ हो नहीं सकती। जी हां जबलपुर रेल मंडल के चक्कर लगा रहे हैं दिव्यांगों की दास्तां यही बयां कर रही है। पिछले कई महीनों से जबलपुर डीआरएम के चक्कर लगा रहे दिव्यांगों को कहना है कि रेलवे पास सर्टिफिकेट के लिए उन्हें कभी रेलवे तो कभी अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनको आवेदन किए हुए 6 महीने से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन अब तक उनके रेलवे कंसेशन पास जारी नहीं हुए हैं। उनका कहना है कि उनके पास जिला अस्पताल से 40% से ज्यादा का दिव्यांगता सर्टिफिकेट है, उसके बाद अब तक उनके रेलवे डिस्काउंट पास नहीं है। दिव्यांग सर्टिफिकेट होने के बाद पास बनाने वाले कैंडिडेट में न केवल जबलपुर बल्कि संभाग के कई जिलों के लोग शामिल हैं।
नरसिंहपुर से जबलपुर के लगा रहे चक्कर
कुछ दिव्यांगों का कहना है कि वह रेलवे डिस्काउंट पास के लिए पिछले कई महीनों से नरसिंहपुर से जबलपुर, जबलपुर से नरसिंहपुर के चक्कर लगा रहे हैं। उनका कहना है कि आवेदन किए 6 महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है लेकिन रेलवे के अधिकारी रेल पास जारी नहीं कर रहे है। दिव्यांगों का कहना है कि रेलवे के अधिकारी कागज वेरिफिकेशन की बात करके उन्हें बैरंग लौटा देते है।
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