कुमार इंदर, जबलपुर। पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई हुई। सरकार ने कोर्ट के सामने ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट रखी। एससी ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब मंगलवार यानि 10 मई को कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है।

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सुप्रीम कोर्ट ने जया ठाकुर समेत सभी पक्षों को सुना। सरकार की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा, सरकार सभी वर्गो के साथ चुनाव करना चाहती है।

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बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार से ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट मांगी थी। वहीं कल शाम को पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। जिसमें आयोग ने पंचायत और निकाय चुनाव में ओबीसी को 35% आरक्षण देने की सिफारिश की थी।

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मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना महत्वपूर्ण फैसला सुरक्षित रख लिया है। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने जिस तरह से असंगत आंकड़े उच्च न्यायालय के सामने प्रस्तुत किये है उससे यह स्पष्ट है कि शिवराज सरकार पंचायत चुनाव में ओबीसी का आरक्षण समाप्त कराने का षड्यंत्र रच रही है, जो आरक्षण कमलनाथ जी की सरकार ने दिया था, उसे आरएसएस की विचारधारा साजिश रचकर खत्म कराना चाहती है। लेकिन कांग्रेस पार्टी को उच्चतम न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। जो भी फैसला आएगा वह संवैधानिक मूल्यों और सामाजिक न्याय को मजबूत करेगा।

वहीं भूपेंद्र सिंह का दावा है कि ओबीसी आयोग ने जिला-जिला जाकर रिपोर्ट तैय़ार की है। जमीन पर जाकर डाटा तैयार किया गया है।
कोर्ट का जो फैसला आएगा, उस पर अमल करेंगे।

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