कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज (Shankaracharya Swami Nischalanand Saraswati) ने नेताओं को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि नेता जाति, वर्ण व्यवस्था का मजाक उड़ा रहे हैं। नेताओं पर भरोसा ना करें, वो कर बर्बाद देंगे।
दरअसल, जबलपुर में आयोजित हिंदूराष्ट्र धर्मसभा को संबोधित करते हुए पुरी पीठाधीश्वर निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि नेता जाति-वर्ण व्यवस्था का मजाक उड़ा रहे हैं। हमारी जाति वर्ण व्यवस्था सनातनी है। नेता जाति-वर्ण व्यवस्था का गुणकर्म समझें।
‘जातिवादी आरक्षण से प्रतिभा प्रगति की हुई हानि’
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदू धर्म को नष्ट करने के लिए इतिहास को विकृत किया गया। शूद्रों के हाथ आर्थिक प्रगति का स्त्रोत था। शूद्र आर्थिक रूप से सम्पन्न थे और जो सम्पन्न उसे कैसे विपन्न बनाया जा सकता था। उन्होंने कहा, जातिवादी आरक्षण से प्रतिभा प्रगति की हानि हुई है।
‘अहिंसा से भारत बनेगा हिंदूराष्ट्र विश्वगुरु‘
शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि भारत अहिंसा से हिंदूराष्ट्र और विश्वगुरु बनेगा। शंकराचार्य ने हिंदुओं से अपील करते हुए कहा कि हर हिन्दू परिवार के घर से रोज 1 रु और 1 घण्टे का वक्त निकले और ये समय और पैसे का उपयोग अपने क्षेत्र की समस्या सुलझाने में करें। नेताओं पर भरोसा ना करें, वो बर्बाद कर देंगे।
‘भारतीय अपनी धार्मिक सांस्कृतिक पहचान बनाए रखें‘
शंकराचार्य ने कहा कि मुरलीमनोहर जोशी पाठ्यक्रम में धार्मिक शिक्षा लाए थे, लेकिन अर्जुन सिंह ने साम्प्रदायिक बताकर धार्मिक शिक्षा को हटा दिया था। उन्होंने कहा, भारतीय अपनी धार्मिक सांस्कृतिक पहचान बनाए रखें। रूस और चीन भी नहीं चाहते भारतीय अपनी धर्म संस्कृति भूलें। उन्होंने कहा कि पीएम रहते समय जवाहर लाल नेहरू ने अपनी बहन को राजदूत बनाकर रूस भेजा था, लेकिन भारतीय वेशभूषा में ना होने से रूसी राष्ट्रपति ने मिलने से इनकार कर दिया था। बाद में भारतीय वेशभूषा में पहुंचे सर्वपल्ली राधाकृष्णन से रूसी राष्ट्रपति ने भेंट की थी।
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