कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश सरकार ने ग्रेजुएशन के सिलेबस में भगवत गीता को शामिल करने का फैसला किया है। कॉलेज में सेकंड ईयर में छात्रों को भगवत गीता पढ़ाई जाएगी। कल युवाओं से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी घोषणा की। वहीं इसको लेकर विपक्ष के सवाल का उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने जवाब दिया है।
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि जब कोर्ट में गीता की कसम खाई जाती है तो पढ़ाने में क्यों दिक्कत है। भगवत गीता, रामचरितमानस हमारी राष्ट्रीय धरोहर है। इसे हम पाठ्यक्रम में स्थान नहीं देंगे तो कहां देंगे।
मंत्री मोहन यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग इस मामले में बेहद गंभीर है। शिक्षा की नई नीति के तहत उच्च शिक्षा में इसे हमने पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया है। हमें उम्मीद है कि आगे भी यह क्रम जारी रहेगा।
सीएम ने कल की थी घोषणा
बता दें कि बुधवार को युवाओं से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि ग्रेजुएशन के सेकंड ईयर में छात्रों को भगवत गीता पढ़ाई जाएगी। सीएम ने कहा, श्रीराम और श्रीकृष्ण हमारे आदर्श हैं. ‘श्रीमद् भगवद् गीता का सामाजिक संदर्भ’ सब्जेक्ट पढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गीता अद्भुत हैं। गीता को आपने ढंग से समझ लिया तो तनाव से मुक्त रह सकते हैं।
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