कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में स्कूली छात्रों के अभिभावकों को राहत पहुंचाने के लिए लगाया गया पांच दिवसीय पुस्तक मेला एक दिन के लिए और बढ़ा दिया गया है। अब मेला 14 अप्रैल की जगह 15 अप्रैल तक चलेगा। पुस्तक मेले में अब तक जो व्यव्स्था रही उससे यह पुस्तक मेला महज खानापूर्ति साबित हो रहा है। इस पुस्तक मेले में नाम मात्र की ही किताबें पहुंच पाई है।

मेले में ज्यादातर दूसरे विषय की किताबें मौजूद रही। वहीं डिस्काउंट के नाम पर कॉपियां ज्यादा मौजूद रही। गिने चुने पब्लिशर की किताब ही मेले में लगे रहे। उस पर भी कोई खास डिस्काउंट स्कूली बच्चों के अभिभावकों को नहीं मिला। कलेक्टर के साफ निर्देश के बाद भी मेले में पुस्तक विक्रेता अपनी मोनोपोली दिखाने से बाज नहीं आ रहे। ज्यादातर अभिभावक किताबों के लिए भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें किताबें नहीं मिल रही।

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मेले के खतम होने के एक दिन पहले तक अभिभावक चक्कर लगाते रहे कि स्कूल का सिलेबस मिल जाए, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। बता दें कि यह मेला पहले ही काफी लेट यानी स्कूल खुलने के करीब 10 दिन बाद लगाया गया। पुस्तक मेला लगने के पहले ही ज्यादातर अभिभावकों ने अपने बच्चों की किताबें खरीदी थी, जो 10 से 20% अभिभावक बचे थे वह भी मेले के नाम पर निराशा ही नजर आ रहे हैं।

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मेले में बनाया गया था शिकायत काउंटर

मेले में आने वाले अभिभवकों के लिए एक शिकायत काउंटर भी बनाया गया था, जिसमें शिकायतों का अंबार लग गया। आखिरी दिन तक 300 से अधिक पेरेंट्स ने लिखित शिकायत दी है।

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