कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश की धमक अब विदेशों में सुनाई देगी। भारत में निर्मित स्वदेशी नमो बम की सप्लाई विदेश में होने लगी है। इसी कड़ी में एमपी जबलपुर की धमक विदेश में सुनाई देगी।

जानकारी के अनुसार ‘नमो’ बम की पहली खेप स्वीडन रवाना किया गया। ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया लिमिटेड (OFK ) में नमो बम बने है। 40 एमएम/ L70 एंटी बम की 11,000 कार्टेज केस रवाना किया गया। OFK को 44 हजार कार्टेज केस का आर्डर मिला है।

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नमो बम की खासियत
नमो बम 40 किलोमीटर दूर खड़े दुश्मनों के परखच्चे उड़ा देगा। नमो बम स्वदेशी तकनीक से बनाया गया है। इससे पहले टेस्टिंग के लिए 200 बम भेजे गए थे। स्वीडन दो देशों के सैंपल रिजेक्ट कर चुका है। नमो बम एंटी एयरक्राफ्ट का नया वर्जन है। एक्यूरेसी बेहद सटीक होने के साथ टाइमिंग भी बेजोड़ है। ऑटोमेटिक ग्रेनेड लॉन्चर (AGL) से भी इसे ऑपरेट किया किया जा सकता है।

स्वीडन की ‘नार्डिक एमुनेशन कंपनी’ (Nammo) के कारण इसका नाम नमो दिया गया है। ये बम बनाने का डिजाइन (Nammo) कंपनी ने दिया है। साल 1942 से जबलपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री सेना के लिए आयुध सामग्री का निर्माण कर रही है। साल 2019 तक इन बमों का निर्माण होना था, लेकिन कोरोनाकाल के कारण लेट हो गया। Ofk का यह उत्पादन डीआरडीओ से प्रमाणित है।

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