अनूप दुबे, कटनी। मध्य प्रदेश के कटनी जिले के ढीमरखेड़ा में स्व सहायता समूहों और रसोइया को 4 महीने से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. जिसके कारण वे परेशान हैं. वहीं, अतिथि शिक्षकों को 6 महीनों से मानदेय नहीं मिला है. इसी तरह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओ को भी 3 महीने से मानदेन नहीं मिला है.

स्व सहायता समूह और रसोइया काे मानदेय भगुतान नहीं

ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र में मध्यान्ह के संचालन के लिए करीब 530 स्व सहायता समूह और 600 रसोइया हैं. लेकिन उन्हें चार महीने से मानेदय भुगतान नहीं हुआ है. जिसके कारण उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. लक्ष्मी स्व सहायता समूह समूह की महिलाओं ने बताया कि विधानसभा चुनाव के पहले मानदेय का भुगतान हुआ था. उसके बाद भुगतान नहीं हो रहा है. महिलाओं ने सीएम डॉ. मोहन यादव और कलेक्टर से समस्या निराकरण करने की मांग की है. शिक्षा विभाग ने बताया कि करीब 21 हजार बच्चे प्राथमिक और माध्यमिक शाला में पढ़ते हैं. स्व सहायता समूह और रसोइया के माध्यम से बच्चों को मध्यान उपलब्ध कराया जा रहा है. जिनका भुगतान 4 माह से नहीं हो रहा है.

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मानदेय नहीं मिलने से अतिथि शिक्षक परेशान

ढीमरखेड़ा जनपद शिक्षा केंद्र अंतर्गत आने वाले स्कूलों में पदस्थ 500 से ज्यादा अतिथि शिक्षकों को बीते 6 माह से मानदेय न मिलने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बीते दिनों अतिथि शिक्षकों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर समस्या निराकरण करने की मांग की थी. समस्या निराकरण न होने पर काम बंद की चेतावनी भी दी थी. सोमवार को ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एसएस मरावी ने अतिथि शिक्षकों कार्यालय में बुलाकर चर्चा की और जल्द मानदेय भुगतान करवाने का आश्वासन दिया.

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं भी नहीं मिला मानदेय

इधर, महिला बाल विकास विभाग के आंगनबाड़ी केंद्रों में बीते तीन माह से कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. तहसील अध्यक्ष मधुबाला गर्ग ने बताया कि परियोजना अंतर्गत आने वाले 294 आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ता और सहायिका को मानदेय न मिलने के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. मामले में अधिकारियों से चर्चा करने पर बजट न होने की जानकारी बताई जा रही है.

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