इमरान खान, खंडवा। भारत में इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण देखा गया। जिसकी शुरुआत रात 1.05 बजे से हुई और 2. 23 बजे तक पर खत्म हुआ। इस दौरान देशभर के लगभग सभी मंदिरों में कपाट बंद रहे। ग्रहण खत्म होने के बाद खंडवा जिले की तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर का जलाभिषेक किया गया।
ग्रहण खत्म होने पर स्नान, पूजन के बाद मंदिर के कपाट खोले गए। भक्तों ने भोले बाबा के दर्शन किए। श्रद्धालुओं ने नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाई और चंद्रग्रहण का मोक्ष संपन्न हुआ। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के दौरान मंदिर के कपाट बंद रहते है। भगवान के दर्शन–पूजन पर प्रतिबंध रहता है।
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ग्रहण के पहले लगने वाले सुतक और ग्रहण के दौरान कई चीजों पर पाबंदी होती है। मंदिरों के कपाट भी बंद कर लिए जाते हैं। अगर कोई पाठ-पूजा करना चाहता है तो ग्रहण के दौरान किसी भी भगवान की मूर्ति को छूने की सलाह नहीं दी जाती है, लेकिन देवी-देवताओं के मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
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