इमरान खान, खंडवा। आप ने मंदिर और चर्च में शादी होते हुए देखा होगा, लेकिन मध्यप्रदेश के खंडवा जिले (Khandwa) से एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां दूल्हा बारात लेकर शहर के निजी अस्पताल पहुंचा। बाराती के रूप में दूल्हे के परिवार और अस्पताल के स्टाफ शामिल हुए। दरअसल, शादी के तीन दिन पहले दुर्घटना में पैर और एक हाथ टूटने के बाद अस्पताल में भर्ती दुल्हन को दूल्हे ने माला पहनाई और उसकी मांग में सिंदूर भरकर जीवन भर साथ देने का वादा किया। अनोखी शादी का गवाह अस्पताल के डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और दूल्हा दुल्हन का परिवार बना।

जानकारी के मुताबिक, उज्जैन (Ujjain) के भेरूघाट में रहने वाले राजेंद्र पिता सौदान चौधरी खंडवा के एक निजी अस्पताल में भर्ती अपनी दुल्हन शिवानी से शादी की। राजेंद्र का विवाह जुलवानिया की शिवानी से तय हुआ था। दोनों की शादी खंडवा के पड़वा क्षेत्र के धर्मशाला में 16 फरवरी को होना था।

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अस्पताल में शादी

13 फरवरी को शिवानी को किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी थी, जिससे शिवानी के एक पैर और हाथ में बुरी तरह से चोटें आई। हादसा उस समय हुआ जब शिवानी अपने घर से दुकान पर कुछ सामान लेने जा रही थी। घटना के बाद पीड़िता को बड़वानी जिला अस्पताल (Barwani District Hospital) में भर्ती कराया गया। इलाज को लेकर संतुष्टि प्राप्त नहीं होने पर परिवार वालों ने शिवानी को खंडवा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया।

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अस्पताल के जनरल वार्ड (General Ward) में भर्ती शिवानी को जेठानी ने दुल्हन का जोड़ा पहनाकर तैयार किया। साथ ही परिवार के लोगों ने बेड को एक मंडप की तरह सजाया। इसके बाद दोपहर 12:30 से 1:00 के बीच के मुहूर्त में पंडित ने राजेंद्र और शिवानी को विवाह बंधन में बांधा। राजेंद्र ने पहले शिवानी को माला पहनाई। शिवानी ने भी एक हाथ से माला पहनाई और राजेंद्र ने शिवानी की मांग भर दी। शादी से दोनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। परिवार लोगों ने तालियां बजाकर शादी का अभिवादन किया

नहीं टाली जाती शादी की तारीख

दूल्हे के पिता सौदान सिंह और दुल्हन के पिता सुभाष ने बताया कि 16 फरवरी को शादी होने वाली थी। सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि उनके समाज में लगन टीप लिख जाने के बाद शादी को नहीं टाला जाता है। 16 तारीख को शिवानी की हालत शादी करने जैसी नहीं थी, क्योंकि उसके फैक्चर हुए हाथ और पैर का ऑपरेशन हुआ था। ऐसे में पंडित ने शिवरात्रि (Shivratri) के दिन बूझ मुहूर्त में शादी करने को कहा। सौदान सिंह ने बताया कि अधिक मेहमानों की बजाए गिनती के बाराती लेकर आए और अस्पताल में ही शादी की सभी रस्में पूरी की।

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