इमरान खान,खंडवा। गर्भवती महिलाओं के लिए सरकार ने जननी एक्सप्रेस वाहन की सुविधा दी है, जिससे समय पर उन्हें अस्पताल पहुंचाया जा सके। लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से प्रसूताओं को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। ताजा मामला खंडवा जिले से आया है। जहां बोरगांव बुजुर्ग के फालिया पलस्यापाटी गांव में समय पर जननी एक्सप्रेस नहीं मिलने पर प्रसूता को परिजन बैलगाड़ी पर लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे।
परिजन ने बताया कि बहू को प्रसव पीड़ा होने पर आशा कार्यकर्ता को सूचना दी, लेकिन 108 एंबुलेंस नहीं पहुंची। तकलीफ अधिक बढ़ने पर फिर आशा कार्यकर्ता को फोन किया गया, तो आशा कार्यकर्ता ने कहा कि तुम्हारे पास जो भी साधन उपलब्ध है, उससे ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाओ, जिससे जच्चा और बच्चा को कोई खतरा न हो।
आदिवासी परिवार के पास बैलगाड़ी के अलावा और कोई भी व्यवस्था नहीं थी। मजबूरन परिजनों ने तेज धूप में प्रसूता को बैलगाड़ी पर ही बिठाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। पीएचसी पहुंचने से संगीता का प्रसव सुरक्षित ढंग से हुआ और जच्चा बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं।
इस पूरे मामले ने शासन की व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है। इधर पलस्यापाटी के रहवासी अंतर सिंह डाबर ने बताया कि बोरगांव से पलस्यापाटी मार्ग कच्चा है। सड़क नहीं होने से एंबुलेंस वाले आने से मना कर देते हैं और जब कभी भी कोई ‘ इमरजेंसी होती है तो हम लोगों को ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं बीजेपी नेता ने पूरे मामले की जांच की बात कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कहीं है।
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