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विदिशा में ‘मौत’ पर मरहम: लोकेश के परिवार को दी जाएगी 4 लाख की मदद, बोरवेल मालिक पर होगी कार्रवाई, लेकिन क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर गिरेगी गाज ?

खुले बोरवेल को लेकर अभियान चलाया जाएगा.

भोपाल/विदिशा। मध्यप्रदेश के विदिशा जिले (Vidisha) के खेरखेड़ी पठार गांव में 60 फीट गहरे बोरवेल (borewell) में गिरे 7 साल के लोकेश अहिरवार (Lokesh Ahirwar death) की मौत हो गई है. उसे 24 घंटे बाद खुदाई कर बाहर निकाला गया. लोकेश जिंदगी की जंग हार गया. उसकी सांसें थम गई. अब मौत पर मरहम लगाने प्रशासन उसके परिवार को 4 लाख की मदद राशि देगा. बोरवेल मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही खुले बोरवेल को लेकर अभियान चलाया जाएगा. लेकिन जब तक कोई घटना नहीं होती है, तब तक जिम्मेदारों की नींद नहीं खुलती है.

इस मामले में विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. क्योंकि बार-बार बोरवेल में गिरने की घटनाएं सामने आ रही है. जितनी बोरवेल मालिक की गलती है, उतनी ही जिम्मेदार अधिकारियों की भी लापरवाही है. सरकार और प्रशासन अब अभियान चलाने की बात कह रहा है. इससे पहले की घटनाओं में भी यह बात कही गई थी. बावजूद इसके दोबारा ऐसी घटना हुई. लोकेश को अपनी जान गंवानी पड़ी. यदि जिम्मेदारी के साथ अधिकारी-कर्मचारी बोरवेल को लेकर लोगों को जागरूक करते, तो हो सकता है कि लोकेश आज जिंदा होता.

जिंदगी की जंग हारा लोकेश: विदिशा के बोरवेल में गिरे 7 साल के मासूम की मौत, 24 घंटे बाद निकाला गया बाहर

विदिशा में बच्चे की मौत को लेकर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि वाक़ई में काफ़ी दुखद घटना है. प्रशासन और अमले ने पूरी कोशिश की थी कि लोकेश को बचाया जा सके और लोकेश ज़िंदगी हार गया. सरकार ऐसे लोगों पर नज़र रखी हुई है. न्याय संगत तरीक़े से कार्रवाई की जाएगी. सरकार अभियान चलाकर इस तरह के हादसे और घटना रोकने का काम करेगी.

दरअसल लटेरी के आनंदपुर के नजदीक खेरखेड़ी पठार गांव में पहाड़ी पर मंगलवार को 7 वर्षीय बालक लोकेश अहिरवार 60 फीट खुले बोरवेल में गिर गया. जो कि 43 फीट पर मासूम फंसा हुआ था. बताया गया है कि मंगलवार सुबह 10 बजे लोकेश बंदरों के पीछे भाग रहा था. इसी दौरान वह खेत में खुले पड़े बोरवेल में गिर गया. सूचना के बाद करीब साढ़े 11 बजे बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है. सबसे पहले बच्चे को ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू की गई. सीसीटीवी की मदद से बच्चे की हर मूवमेंट पर नजर रखी गई.

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इस मामले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संज्ञान में लिया. सीएम ने कलेक्टर से जानकारी लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलवाया. भोपाल से भी एनडीआरएफ की टीम भेजी गई. पुलिस प्रशासन और पूरी टीम ने 24 घंटे तक ऑपरेशन जिंदगी चलाया, लेकिन लोकेश को बचाया नहीं जा सका.

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बोर के पास 4 जेसीबी से 51 फीट से अधिक गहरा पैरेलल गड्ढा खोदा गया. सुरक्षा के दृष्टिकोण से बोरवेल के चारों तरफ बैरिकेड्स लगाए गए थे और पुलिस बल भी तैनात किया गया था. करीब 51 फीट खुदाई के बाद लोकेश तक पहुंचने के लिए सुरंग बनाई गई. मैनुअल सुरंग बनाने का काम किया गया. जिसके बाद लोकेश को बाहर निकालने में सफलता मिली. उसे तत्काल एंबुलेंस के जरिए अस्पताल ले जाया गया. जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. कलेक्टर उमाकांत भार्गव ने कहा कि बच्चे को नहीं बचाया सका.

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