भोपाल। मध्य प्रदेश के मंडला से निकलने वाली जन आशीर्वाद यात्रा को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाई। साथ ही कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं आज दावे से कहने आया हूं, बंटाधार दिग्विजय सिंह और कमलनाथ दोनों सुन लो.. 25 सितंबर को जन आशीर्वाद यात्रा समाप्त होगी, उसी दिन तय हो जाएगा कि 150 सीटों के साथ मध्यप्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनेगी।
अमित शाह ने कहा कि मेरे हृदय के करीब रहने वाले आदिवासी भाई-बहनों को नमस्कार। मां नर्मदा को प्रणाम। गोंड राज्य की देवी रानी दुर्गावती को भी प्रणाम। दुर्गावती ने ऐसी देशभक्ति और वीरता का प्रदर्शन किया कि आज हम उनकी गुणगान कर रहें। शाह ने रघुनाथ शाह और शंकर शाह को भी श्रद्धांजलि दी।
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शाह ने कहा कि आदिवासी समाज के लिए शिवराज सरकार ने अच्छा काम किया है। मैं जबलपुर आया तो देखा एक भव्य स्मारक रघुनाथ शाह और शंकर शाह जी का बनाया गया है। आप सभी लोग मध्य प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी को इसके लिए जोरदार ताली बजाकर उनका अभिनंदन करिए। अभी-अभी मंडला जिले को पूर्ण रूप से फंक्शनल साक्षर जिला घोषित किया गया है। आदिवासी बहुल इलाके में साक्षरता का जो अभियान शिवराज जी ने चलाया है। उसको भी मैं बहुत-बहुत अभिनंदन करना चाहता हूं। हम आपका आशीर्वाद मांगने आए हैं।
मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य बनाकर श्रीमान बंटाधार छोड़ गए थे। दिग्विजय की सरकार को याद करिए। भ्रष्टाचार, लूट-घसोट, गढ्ढे से भरे हुए रोड, पानी बगैर किसान के खेत, बिजली के बिना गरीब का घर और महिलाओं की सुरक्षा का कहीं नामोनिशान नहीं था। लेकिन 20 साल में भारतीय जनता पार्टी के तीन मुख्यमंत्रियों ने और विशेष कर हमारे शिवराज सिंह चौहान ने इसको बेमिसाल प्रदेश बनाकर आगे बढ़ाने का काम किया है।
शाह ने कहा, जब मैं आदिवासी सम्मेलन में आया था तब शिवराज जी ने हमेशा की तरह धड़ाधड़ 14 घोषणाएं कर दी। बैठ कर मैं शिवराज जी से पूछा यह पूरा भी होगा कि नहीं होगा। आज मैंने मैंने पूछा घोषणाएं पूरी हुई या नहीं तो उन्होंने बताया सभी पूरी कर दी। आदिवासी समाज के लिए मप्र सरकार ने अच्छा रास्ता प्रशस्त किया है।
शाह ने कहा कि करप्शननाथ (कमलनाथ) ने 51 से ज्यादा जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया था। सीएमओ मनी कलेक्शन का ऑफिस बन गया था। कांग्रेस की वर्किंग कमेटी करप्शन की कमेटी बन गई थी और 800 से ज्यादा ट्रांसफर हो गए थे। 63,000 करोड़ का मोबाइल घोटाला, 350 करोड़ का मोजरबेयर घोटाला, 2,400 करोड़ का अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला, 600 करोड़ का इफ्को घोटाला, 25,000 करोड़ कर्जमाफी का वादा न निभाना और 1,178 करोड़ का किसानों के गेहूं का बोनस खाना… कमलनाथ ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़े हैं। शिवराज जी ने मध्यप्रदेश को विकसित बनाने का काम किया है।
जब मनमोहन सिंह पीएम थे, उस दौरान उन्होंने कहा कि देश की तिजोरी पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है। सबने विरोध किया, मगर वो नहीं माने। अल्पसंख्यक के लिए सरकार डूबी रही। 2014 में मोदीजी की सरकार आई। संसद की भूमि को प्रणाम किया और संसद में गए। सांसदों को भाषण दिया और कहा मेरी सरकार आदिवासी, पिछड़ों, दलित और गरीबों की सरकार है। आपको दो विधारधाराओं पर निर्णय करना है। एक ओर अल्पसंख्यकों का अधिकार खजाने पर होने का कहते हैं और मोदीजी कहते हैं गरीबों का अधिकार है।
शाह ने कहा कि कांग्रेस सरकार नारा देती थी, जल, जंगल और जमीन की रक्षा करेंगे। उन्होंने तो नहीं किया लेकिन मोदीजी ने सुरक्षा और सम्मान दोनों दिया। मोदीजी ने दो आदिवासी मंत्रालय बनाया। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को गौरव दिवस घोषित किया। देशभर में 10 जगह पर बिरसा मुंडा, शंकर शाह आदिवासियों के संग्राहलय बनाए। मैं आज बंटाढार और कमलनाथ से पूछने आया हूं, जब आपकी सरकार थी, तब आदिवासी कल्याण का बजट कितना था? मनमोहन सरकार केवल 24 हजार करोड़ रुपए सालाना देती थी। लेकिन मोदीजी ने इसे बढ़ाकर 1.19 लाख करोड़ कर दिया। 287 करोड़ रुपय एकलव्य स्कूलों के लिए दिया। आदिवासी को राष्ट्रपति बनाने का काम भी किया। कांग्रेस ने कभी आदिवासी समाज के लोगों को राष्ट्रपति नहीं बनाया।
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