देवेंद्र चौधरी, मंडला। बच्चों को पढ़ाने के लिए बनाए गए आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi Kendra) की सरकार लाख तारीफ करती है और आंकड़े भी हमेशा बढ़-चढ़ कर दिखाए जाते है, लेकिन एक ऐसी आंगनबाड़ी केंद्र भी है, जो सरकारी आंकड़ों और इन केंद्रों की तमाम सुविधाओं की पोल खोल रही है। हम बात कर रहे आदिवासी बाहुल्य मंडला (Mandla) जिले के निवास विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत अमगवां में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र की। जहां स्थिति बेहद ही खस्ताहाल है।
इस आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi Center) में बारिश (Mansoon) के दिनों में छतों से पानी टपकता है और इसी टपकती छत के नीचे मासूम बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। इतना ही नहीं दीवारों में पानी की सीलन की बदबू आती है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई तो दूर की बात, यहां ठहराना भी मुश्किल होता है। हालांकि आंगनबाड़ी संचालिका खुद इसे लेकर परियोजना अधिकारियों से अपनी अर्जी लगा चुकी है, लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है।
बताया जा रहा है कि इस विकासखंड के अंतर्गत दर्जनों ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र है, जहां इसी तरह जर्जर हालातों में ही बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। आंगनबाड़ी संचालिका के मुताबिक यह स्थिति 4 से 5 साल पहले से है। उन्होंने कहा कि पिछले साल जब हमने इस समस्या को लेकर परियोजना अधिकारी को बताया था तो उन्होंने स्कूल में कमरा दिलाया। गर्मी के दिनों में फिर वापस आंगनबाड़ी केंद्र में ही संचालित होने लगी। जैसे ही मानसून शुरू हुआ स्थिति जस की तस हो गई।
जब अधिकारी से केंद्र के बारे में पूछा तो उन्होंने रटा रटाया जवाब दे दिया। उन्होंने कहा कि परियोजना अधिकारी को जांच कर एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश दिए गए है। अब एस्टीमेट प्राप्त होते सुधार कार्य कराने की बात कह रहे है। वहीं अधिकारी आंगनबाड़ी केंद्र को कह रहा है कि गांव में ही कहीं कमरा किराए से लेकर बच्चों को शिफ्ट किया जाए, लेकिन गांव में कहीं कमरा भी नहीं मिल रहा है। अब देखना होगा कि विभाग क्या कदम उठाता है।
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