प्रीत शर्मा, मंदसौर। मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के किसान भवानी सिंह और उल्फत सिंह के बैलों की जोड़ी की 2 दिन के अंतराल में मौत हो गई थी। इसके बाद दोनों किसानों ने अपने बैलों का अंतिम संस्कार पूरे सनातनी हिंदू धर्म अनुसार विधि विधान से किया। इतना ही नहीं त्रयोदशी संस्कार भी कराया। इसके लिए उन्होंने निमंत्रण पत्र छपाए हैं और आसपास के गांव में न्योता भिजवाया है। तेरहवीं के आयोजन में 3000 के लगभग अपने परिचितों को बुलाया।

भानपुरा क्षेत्र के रहने वाले किसानों ने बताया कि 14 और 16 दिसंबर को दोनों बैलों की मौत हो गई थी। बैलों को बचपन से पाला था। किसान भवानी सिंह ने कहा कि दिवंगत होने वाले परिजनों की अस्थियों का विसर्जन हरिद्वार में होता है। इसीलिए वह अपने बैलों की अस्थियों का विसर्जन करने गए थे। अपने तीर्थ पुरोहित पंडित उमेश पाठक के माध्यम से वह बैलों का श्रद्धा कर्मकांड भी किया। इसके बाद घर लौटकर आज मंगलवार 26 दिसंबर को त्रयोदशी संस्कार भी कर रहे हैं।

हैप्पी बर्थडे BHAIRAV: कुत्ते के जन्मदिन पर मालिक ने लगवाए होर्डिंग, पोस्टर बना चर्चा का विषय

गंगोज और प्रतिभोज का आयोजन

जिले के भानपुरा तहसील के ग्राम पंचायत अंत्रालिया के गांव बाग का खेड़ा में 26 दिसंबर को विधि विधान से 13वीं का प्रोग्राम रखा। इसके लिए किसानों ने शोक पत्रिका और गंगा माता का गंगोज तथा प्रतिभोज का आयोजन किया। दोनों बैल जिनका नाम माना और श्यामा का स्वर्गवास हो जाने पर भारतीय संस्कृति के अनुसार क्रिया कर्म किया गया। किसान भवानी सिंह ने बताया कि जब हम बड़ी कठिनाई में थे तब यह बैल की जोड़ी खरीदी थी। 30 वर्षों तक इनसे खेती का कार्य किया और दिन दोगुनी रात चौगुनी उन्नति करने लगे।

पिता की तरह प्रेम

इन बैल जोड़ी की मदद से हमने 15 बीघा जमीन और दो ट्रैक्टर एक जेसीबी खरीदी। पहले हमारे पास कुल 35 बीघा जमीन थी। उत्पादन भी काम होता था। बैलों के आने के बाद अब 50 बीघा के करीब खेती की जमीन हो गई है। दोनों बैल माना और श्यामा की मेहनत से हमने बहुत कुछ कमाया है और अब हमारा फर्ज बनता है कि अपने पिता के समान दोनों बैलों का अंतिम संस्कार करें, इसलिए यह आयोजन किया गया है।

MP में ASI की मौत: ड्यूटी से आने के बाद घर पर खाया खाना, मुंह से निकला झाग, अस्पताल में तोड़ा दम, जांच में जुटी पुलिस

एक ओर इस युग में पिता पुत्र में लड़ाई झगड़ा और इस प्रकार के आयोजन को लेकर कई विवाद सामने आते हैं, लेकिन जानवरों के प्रति इतना स्नेह व प्रेम इस युग में कम ही देखने को मिलता है। जो दोनों भाई भवानी सिंह व उल्फत सिंह के घर देखने को मिला।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus