प्रीत शर्मा, मंदसौर। मन्दसौर जिले में स्थित गांधीसागर बांध को लेकर CAG (कैम्पट्रोलर ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया) की रिपोर्ट ने तहलका मचा दिया है. रिपोर्ट में वर्ष 2019 में आई बाढ़ के कारण बांध को हुई क्षति के बारे में आगाह किया गया है.  साथ ही कहा गया है कि यदि बांध की जल्द मरम्मत नहीं कराई गई तो बांध टूट सकता है और इससे मंदसौर समेत कई जिले डूब सकते हैं. बांध के कार्यपालन यंत्री ने CAG के दावे को खारिज करते हुए कहा कि डैम एक दम सुरक्षित है.

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दरअसल, CAG यानी कैम्पट्रोलर ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया की विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि, वर्ष 2019 में आई बाढ़ से गांधीसागर बांध के ऊपर के हिस्से से पानी निकला था, जिससे बांध के निचले हिस्से में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए है. उसके बाद भी बांध में कोई मरम्मत नहीं की गई. 12 साल पहले भी बांध का सर्वे करवाकर उसमें जरूरी सुधार करने की बात कही गई थी, लेकिन तब भी किसी ने ध्यान नहीं दिया.

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CAG ने बांध के टूटने की चेतावनी दी है. अगर ऐसा होता है तो मध्यप्रदेश और राजस्थान की 30 लाख की आबादी पर संकट आ जाएगा. इसमें दो प्रदेशों के 7 शहर तबाह हो जाएंगे. मध्यप्रदेश के श्योपुर, मुरैना, भिंड में भारी तबाही हो सकती है.  राजस्थान के सवाईमाधोपुर, रावतभाटा, करौली और धौलपुर में भी हालत बिगड़ सकते हैं. वहीं बांध के निचले क्षेत्र में मौजूद रावतभाटा न्यूक्लियर पावर प्लांट पर भी खतरा बना हुआ है.

इधर,  कार्यपालन यंत्री एच के मालवीय ने CAG की रिपोर्ट पर सफाई देते हुए कहा कि डैम डेंजर जोन में नहीं है. 2006 में जरूर बड़े गड्ढे हुए थे, उनकों भर दिया गया था. 2019 में गड्ढे नहीं हुए हैं. कार्यपालन यंत्री ने कहा कि बांध अब भी सुरक्षित हैं. थोड़ा बहुत डैमेज हुआ है, उसकी मरम्मत जल्द करा दी जाएगी.

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