अभय मिश्रा, मऊगंज। मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले में खनन माफिया का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रशासन की नाक के नीचे अवैध उत्खनन खुलेआम जारी है। अब इस अवैध खनन के खिलाफ हर्रहा पंचायत के आदिवासी और गोंड समुदाय खुलकर सामने आ गए हैं। बरसते पानी में महिलाओं और बुज़ुर्गों ने खदान का घेराव कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है, लेकिन प्रशासन अभी तक मूकदर्शक बना हुआ है।

यह तस्वीर मऊगंज जिले की हर्रहा ग्राम पंचायत की है। जहां अदयपुर स्टोन क्रेशर के नाम पर करीब दो एकड़ से अधिक जमीन पर अवैध खनन चल रहा है। न तो खनन की अनुमति ली गई है, न रॉयल्टी का भुगतान किया गया। फिर भी पोकलैंड मशीनें और बुलडोजर दिन-रात जमीन खोद रहे हैं। अब हालात ये हैं कि आदिवासी और गोंड समाज खनन माफिया के आतंक से पूरी तरह त्रस्त हो चुके हैं। बरसते पानी में महिलाएं और बुज़ुर्ग खदान के सामने धरने पर बैठ गए।

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उनका कहना है कि हमारी जमीन छीनी जा रही है, रास्ते खोद दिए गए हैं, धमाकों से घर हिलते हैं। यह पूरा इलाका ट्राइबल बेल्ट में आता है, जहां करीब 50 से अधिक क्रेशर और खदानें सक्रिय हैं। जिनमें से कई बिना लीज और अनुमति के संचालित हो रही हैं। खनिज विभाग के निरीक्षक से संपर्क करने पर उन्होंने खुद स्वीकार किया कि खनन की कोई अनुमति नहीं है और रॉयल्टी जमा नहीं की गई है।

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इस पूरे मामले से कलेक्टर संजय जैन को अवगत कराया गया तो उन्होंने मौखिक रूप से खनिज निरीक्षक को मौके पर जाकर मशीनें जब्त करने और पंचनामा बनाने के निर्देश दिए। लेकिन खनिज विभाग की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जब इस मामले में संभागीय खनिज अधिकारी से संपर्क किया गया उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। जिले में पदस्थ खनिज विभाग के निरीक्षक से भी संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने भी कैमरे में कुछ भी बोलने से मना कर दिया, लेकिन इस बात को स्वीकार किया गया कि खनन अवैध है।

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